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देहरादून शहर में विद्युत लाइनों के भूमिगतिकरण के कार्यों में आयी तेजी….

माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी के निर्णायक नेतृत्व एवं सचिव जी के सहयोग तथा सकारात्मक दृष्टिकोण के फलस्वरुप यूपीसीएल उत्तराखंड राज्य को ऊर्जा प्रदेश बनाने हेतु प्रयासरत है। विकास को गति देता उत्तराखंड राज्य के विद्युत वितरण तंत्र को और अधिक सुदृढ़ एवं समृद्धि बनाने के लिए यूपीसीएल द्वारा एडीबी परियोजना के अंतर्गत देहरादून शहर के मुख्य मार्ग की उपरिगामी विद्युत लाइनों को भूमिगत के जाने के कार्य को शीघ्रता से पूर्ण किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत देहरादून शहर में 33 कवि के लगभग कुल 92 किलोमीटर 11 किमी, के वि की लगभग 230 किलोमीटर और एलटी की लगभग कुल 608 किलोमीटर लाइनों को भूमिगत किया जा रहा है जैसे हेतु शहर को तीन लौट में बांटा गया। वर्तमान में सभी लौट के क्षेत्रीय दलों द्वारा सर्वे और संयुक्त सर्वे का कार्य पूर्ण करने के पश्चात रोड कटिंग की अनुमति प्राप्त कर लाइनों के भूमि गति कारण का कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है देहरादून शहर में लाइनों के भूमिगति हेतु चिन्हित मुख्य मार्ग का विवरण निम्नवत है।

उपर्युक्त मुख्य मार्ग में आपातकालीन स्थानों जैसे कोरोनेशन अस्पताल, दून अस्पताल, महेंद्र इंद्रेश अस्पताल, आई एम ए ब्लड बैंक और कैलाश अस्पताल इतिहास स्थान के पास भी भूमिका कारण का कार्य किया जा रहा है।

देहरादून शहर के मुख्य मार्ग के ऊपर विद्युत लाइनों को भूमिगत के जाने से निम्न में लाभ होंगे

कम रखरखाव :- भूमिगत केबल्स पर्यावरणीय कारकों जैसे हवा तेज बारिश और पेड़ों की शाखों से काम प्रभावित होते हैं जिससे आउटेज काम होते हैं और रखरखाव की लागत कम होती है

कम विद्युत हानि:-केवल उसको बेहतर इंसुलेशन और काम प्रतिरोध के साथ डिजाइन किया जा सकता है जिससे ओवरहेड लाइनों की तुलना में ऊर्जा हानियों को काम किया जा सकता है

सुरक्षा :- भूमिगत केबल्स के साथ बिजली के खतरों जैसे इलेक्ट्रो क्वेश्चन और गिरी हुई पावर लाइनों से होने वाली आज का जोखिम काफी कम हो जाता है

सौंदर्यीकरण :- पॉवर लाइनों के भूमि गति कारण होने से आवाज से और शहरी क्षेत्र में अधिक सौंदर्य पूर्ण वातावरण बनता है भूमिगत केबल्स होने से बिजली चोरी की समस्याओं पर अंकुश लगेगा

दुर्घटनाओं का कम जोखिम वाहनों:- काम रखरखाव वन्यजीवों या निर्माण गतिविधियों द्वारा बिजली लाइनों के आकस्मिक संपर्क का जोखिम कम हो जाता है।

पर्यावरणीय लाभ:– बिजली लाइनों के भूमि गतिकरण होने से पर्यावरण को भी लाभ पहुंचाया जाता है । क्योंकि उन्हें ओवरहेड लाइनों के लिए आवश्यक पेड़ों के नियमित वन अन्य वनस्पति प्रबंधन की आवश्यकता नहीं होती।

प्रबंध निदेशक द्वारा सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है भूमि गति कारण के कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण करें और सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता पर रखते हुए हर दिन कार्य पूर्ण होने के पश्चात गधों नाली आदि स्थानों की नियमित भारी करना सुनिश्चित करेंगे योजना के सफल क्रियान्वयन होने से देहरादून शहर का विद्युत वितरण तंत्र यूरोपियन और विकसित देश जैसा मजबूत और सुदृढ़ होगा।

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