शिवपाल और राजभर की राहें सपा से अलग होने के कगार पर! कुछ ऐसा बोल गए राजभर…

राष्ट्रपति चुनाव के लिए सोमवार को मतदान होना है। इससे पहले उत्तर प्रदेश में विपक्ष पूरी तरह से बिखरा हुआ दिख रहा है। सपा गठबंधन के दो धड़े सुभासपा के ओम प्रकाश राजभर और प्रसपा के शिवपाल सिंह यादव राजग उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू को समर्थन करने का ऐलान कर चुके हैं। बिखरे विपक्ष पर यशवंत सिन्हा को कितना वोट मिल पाएगा यह अपने-आप में बड़ा सवाल है।

यूपी विधानसभा चुनाव सपा, सुभासपा, प्रसपा, रालोद और अपना दल कमेरावादी ने मिलकर लड़ा। इस गठबंधन को कुल 125 सीटें मिलीं। अपना दल की पल्लवी पटेल और प्रसपा के शिवपाल सपा के सिंबल पर चुनाव लड़े। पल्लवी ने भाजपा के केशव प्रसाद मौर्य को पराजित किया। सपा के 111, रालोद आठ और सुभासपा के छह विधायक हैं। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को सपा ने समर्थन का ऐलान कर रखा है। इसके लिए विधायकों की बैठक बुलाई गई, इसमें शिवपाल और सुभासपा के ओम प्रकाश राजभर को नहीं बुलाया गया।

शिवपाल और ओम प्रकाश राजभर सपा मुखिया अखिलेश से पहले ही नाराज चल रहे थे और शायद उन्हें ऐसे ही किसी मौके का इंतजार था, जिससे वे अपने भविष्य की रणनीति का खुलासा कर सकें। सपा गठबंधन में होने के बाद भी सुभासपा और शिवपाल सिंह यादव ने विपक्ष के उम्मीदवार को समर्थन न कर राजग की द्रोपदी मुर्मू को समर्थन का ऐलान किया है। कांग्रेस के दो वोट जरूर विपक्ष के साथ हैं, जबकि बसपा का एक वोट राजग को जाएगा। इससे साफ है कि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष में पूरी तरह से दरार पड़ चुकी है। इस चुनाव से प्रदेश में नए राजनीतिक गठबंधन के संकेत मिल रहे हैं।

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