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अस्पताल की भयंकर लापरवाही…वेंटिलेटर सपोर्ट पर भर्ती था मरीज-चूहों ने किया लहूलुहान…

महाराष्ट्र के बीएमसी (बृहन्मुंबई महानगर पालिका) अस्पताल में मंगलवार को एक भयंकर लापरवाही का मामला सामने आया है. जहां वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखे गए एक मरीज की पलक को चूहों ने काट खाया.

24 साल के श्रीनिवास येल्लप्पा को बीएमसी अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. सोमवार को कुछ चूहों ने मरीज के आंख के ऊपर के हिस्से यानी कि पलक को काट खाया. डॉक्टर ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आंख की पलक को जो नुकसान हुआ है वह चूहों के काटने से हुआ है. इस मामले को देखते हुए हम और भी सुधार के उपाय पर ध्यान दे रहे हैं. ताकि भविष्य में इस तरह की घटना घटित नहीं हो.

येल्लप्पा की बहन ने कहा, ‘मंगलवार सुबह जब मैं अपने भाई से मिलने अस्पताल पहुंची तो देखा कि उसके बांये आंख पर चोट के निशान थे और पलक से खून बह रहे थे. मैंने इस बारे में प्राधिकरण को जानकारी दी,

जिसके बाद उन्हें अपनी गलती का ऐहसास हुआ. मेरे भाई को बाद में दूसरे बेड पर शिफ्ट कर दिया गया है और उसके घाव का इलाज किया जा रहा है. वह पहले से ही क्रिटिकल हालात में था. अगर ऐसे में उसे कुछ होता है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा?

बता दें, येल्लप्पा को रविवार को बीएमसी अस्पताल में भर्ती किया गया था. उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. मेडिकल जांच के बाद पता चला कि श्रीनिवासन को मेनिनजाइटिस है. इसके साथ ही लीवर की भी कुछ समस्या पाई गई थी. जिसके बाद उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था.

मंगलवार सुबह जब श्रीनिवास के परिवारवाले उससे मिलने अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उसकी बांयी आंख की पलक से खून बह रहा था. जिसके बाद उन्होंने अस्पताल प्रशासन को इस बात की सूचना दी. राजावाड़ी अस्पताल का ICU ग्राउंड फ्लोर पर है. इससे पहले भी कई मरीज ग्राउंड फ्लोर पर चूहे होने को लेकर अपनी शिकायत दर्ज करा चुके हैं.

राजावाड़ी अस्पताल प्रशासन की तरफ से चिकित्सा अधीक्षक विद्या ठाकुर ने इस मामले को लेकर कहा कि शुरुआती जांच के मुताबिक पता चला है कि बांयी आंख के पलक पर जो जख्म हैं वो चूहे के काटने की वजह से हुई है. मरीज को ग्राउंड फ्लोर पर एडमिट किया गया था. मालूम पड़ा है कि मरीज ने वार्ड के अंदर खाना रखवाया था.

इसी वजह से वहां चूहा पहुंचा. हमने मरीज के परिजनों को चेतावनी जारी की है कि वे कभी भी खाने का सामाने लेकर वॉर्ड में ना आएं. हमलोग रोजाना चूहों को पकड़ने के लिए स्टिक्स और रेट ट्रेप्स का इस्तेमाल करते हैं. हमलोग इसमें और सुधार के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे. जिससे भविष्य में इस तरह की घटना घटित ना हो.

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