
प्राचीन काल का बना प्रसिद्ध नवाब तालाब बना गंदगी का तालाब किसी का ध्यान न होने के कारण अपनी बेबसी पर आँशु बाहता नजर आता है ।
कैराना नगर के मुख्य पानीपत खटीमा राजमार्ग के निकट लगभग400 से अधिक वर्ष पहले सम्राट जहांगीर जब कैराना आया था तो उसने अपने सबसे विश्वासनीय लोगो मे से मुर्करबखां को चुना था । जिसके चलते बताया जाता है कि जहांगीर बादशाह ने मुकर्रब खा के किसी कार्य से खुश होकर उनके द्वारा ही कस्बे मे नवाब तालाब व नवाब किला बनवाया था । नवाब तालाब लगभग 55 बिघा जमीन मे बताया गया है जिसकी लम्बाई 250 वर्ग गज है । उस समय बहुत ही सुन्दर नवाब तालाब का इतिहास बताता है है कि नवाब तालाब के एक हिस्से मे कोई दिवार नही थी जबकि तीन हिस्सो मे पक्की दीवारे बनायी गयी थी । इन तीनो पक्की दीवारो पर तालाब मे उतरने चढने के लिऐ पक्की सीडिया बनायी गयी थी । इस तालाब के बीच मे एक बहुत ही खुबसुरत सफैद पत्थरो से निर्मित करीब 15 फ़ीट ऊचा व 60 फ़ीट लम्बा एक चबूतरा (टापू) भी बनाया गया था

बताया जाता है कि नवाब सहाब अपनी बेगमो के साथ किस्तियो (नाव)द्वारा तालाब की सैर किया करते थे । ओर तालाब के बीच मे बने खुबसूरत चबुतरे पर आराम फरमाया करते थे । नवाब तालाब की सुन्दरता बहुत ही दूर दूर तक मशहूर थी । बडे बजुर्ग बताते है कि कस्बे मे कभी वह भी समय था कि जब दूर दराज से लोग इस तालाब को देखने आते थे क्योकि आसपास के इलाको मे ऐसा सुन्दर तालाब कही नही था । इस नवाब तालाब मे यमुना नदी से पानी लाने के लिऐ सुरग बनायी हुई थी तो वही पानी की निकासी के लिऐ भी नवाब तालाब से मामोर झील तक भी सुरग बतायी जाती है । जिसके कुछ अवशैष आज भी कुछ दिखाई देते तालाब के किनारे बहुत ही अलीशान नवाब महल भी बनाया गया था ओर नमाज पढने के लिऐ ऐक अलीशान मस्जिद भी बनायी गयी थी । जिल नवाब तालाब मे कभी बादशाह व उनकी रानिया मोती जैसे जल से स्नान किया करती थी बादशाह व रानिया तालाब मे किशतियो मे बैठ कर सैर किया करते थे वह नवाब तालाब आज अपनी बदकिस्मती पर आसू बाहता नजर आता है । क्योकि कस्बे के सभी अधिकतर गंदी नालियो का पानी नवाब तालाब मे ही जमा होता है तथा कस्बे की बहुत सी गंदगी नवाब तालाब मे डाल दी जाती है नवाब तालाब मे आज गंदगी का अम्बार लगा दिखाई देता है बडा लम्बा चोडा घास का ऐक झुड दिखाई देता है । नवाब तालाब की सफाई व सोद्रंयकरण के लिऐ अनेको बार तरह तरह की आवाज सुनाई दी लेकिन वह आवाज कभी आज तक पूरी नही होती दिखाई दी । नवाब तालाब की कुछ सम्पति पर कुछ लोगो का अवैध कब्जा भी होना बताया जाता है इस ओर अगर नगर पालिका या प्रसासनिक अधिकारी समय समय पर ध्यान देने की जरूरत समझते तो यह प्राचीन काल का नवाब तालाब आज भी कस्बे मे अपनी सुदंरता अलग ही बिखेरता नजर आता कुछ जागरूक लोग तो यह भी बताते है कि अगर नवाब तालाब का सोद्रिय करण कर उसमे नाव आदि छोडी जाये तो सरकार की आमदनी का ऐक जरिया नवाब तालाब बन सकता है । लेकिन इस ओर किसी का ध्यान न होकर आज गंदगी की बदबू झेल रहा नवाब तालाब अपनी बेबसी पर रोता नजर आता है क्या सरकार इस तालाब का सोद्ररय करण करा कर कस्बे को प्राचीन काल की प्राचीन निशानी को आज जीवित करने का कार्य कर पायेगी यह तो समय के गर्भ मे छुपा है क्योकि सपा विधायक नाहिद हसन ने भी इस प्राचीन तालाब के सोद्रियकरण के लिऐ अपनी आवाज उठाते हुऐ सरकार से माग की है ।