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हाथरस कांड के पीड़ित परिवार की अब सुप्रीम कोर्ट से गुहार,,यूपी सरकार से न घर मिला, न नौकरी….

हाथरस कांड’ के पीड़ित परिवार ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वादे न पूरे किए जाने की बात कहते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. पीड़ित परिवार का कहना है कि 26 जुलाई 2022 में हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि परिवार के सदस्य को नौकरी और मकान दिया जाए लेकिन अभी तक ना तो उन्हें नौकरी मिली है और ना ही मकान मुहैया कराया गया है.

पीड़ित परिवार ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालकर सरकार द्वारा अपने वादों को पूरा न करने की बात कही है. उनका कहना है कि उन्हें दिल्ली में मकान व नौकरी दी जाए. हम पिछले 3 साल से कड़ी सुरक्षा के बीच घर में कैद हैं. अब हाथरस से बाहर निकलना चाहते हैं.

परिवार ने आगे कहा कि इस कैद और डर के चलते बच्चों की शिक्षा पूरी नही हो पा रही. डर के कारण स्कूल नही जा सकते. एक बड़ी बेटी को रिश्तेदारी में छोड़ रखा है,ताकि वो वहां पढ़ सके. दिन-रात सुरक्षा घेरे में रहने के कारण कोई रोजगार भी नहीं हो पा रहा है. कोर्ट-कचहरी आदि के खर्चे बहुत हैं. आखिर उनका खर्च कैसे निकलेगा.

पीड़ित परिवार के मुताबिक, अपने खर्चे पर हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट गाड़ी ले जाते हैं. जो सरकार ने मुआवजा दिया था, वो ही खर्च कर रहे हैं. अब आगे क्या होगा ये समझ नही आ रहा है. घर के बाहर निकलने में भी डर लगता है. हाथरस पीड़ित परिवार ने यह भी कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद तीन लोगों को जेल से रिहा कर दिया गया है. उनके घर हमारे सामने ही हैं, जो अक्सर हमें सामने दिखाई देते हैं.

वहीं, ‘हाथरस कांड’ के पीड़ित परिवार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालने और दिल्ली में मकान और नौकरी की मांग की सूचना मिलते ही पॉलिटिकल पार्टियां फिर से एक्टिव हो गई हैं. कई नेता परिवार से मिलने आ रहे हैं. इसमें आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष भी हैं. पार्टी के जिलाध्यक्ष अजय कुमार भारती ने बताया कि पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाल केजरीवाल की दिल्ली सरकार पर विश्वास जताया है. इसीलिए हम उनके पास आश्वासन देने आए हैं

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