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370 पर शिक्षक को मिल सकती है राहत,जानिए श्रीनगर के एक शिक्षक को सेवा से निलंबित करने की…………

सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमनी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से शिक्षक जहूर अहमद भट के निलंबन के मुद्दे पर गौर करने के लिए कहा है।

दरअसल, जम्मू-कश्मीर शिक्षा विभाग ने हाल ही में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले में पेश होने के लिए श्रीनगर के एक शिक्षक को सेवा से निलंबित कर दिया था।


रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षक जहूर अहमद भट, जो एक वकील भी हैं, 23 अगस्त को मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए थे। सरकार के प्रमुख सचिव आलोक कुमार द्वारा बीते 25 अगस्त को जारी एक आदेश में भट को दोषी अधिकारी करार दिया गया था।

नियम, 1971 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए इन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।बता दें, जम्मू में स्कूल शिक्षा के संयुक्त निदेशक सुबाह मेहता को जहूर के आचरण की जांच करने के लिए जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जहूर अहमद भट जब सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए तो कहा था कि मैं जम्मू-कश्मीर में भारतीय राजनीति पढ़ाता हूं। मेरे लिए 2019 से इस खूबसूरत संविधान के बारे में पढ़ाना बहुत मुश्किल हो गया है। जब छात्र पूछते हैं कि क्या हम 2019 के बाद लोकतंत्र हैं, तो जवाब देना मुश्किल होता है।

उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा कम कर दिया गया और पूर्ववर्ती राज्य को भारतीय संविधान की नैतिकता का उल्लंघन करते हुए दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया। जहूरक्योंकि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों की सहमति पर ध्यान नहीं दिया गया था। यह कदम सहयोगात्मक संघवाद और संविधान की सर्वोच्चता के खिलाफ था।

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