अशोक कुमार श्रीवास की रिपोर्ट
कोरबा//आज जब हर तरफ समाज मे 1500 km के मेरे बाइक सफर के बारे मे बात हो रही है, और लोग कह रहे यह यह आम बात नही है तो मै कहना चाहूंगा की आज से कुछ साल पहले हि एक 63 साल की शिक्षिका जिनका अभी कुछ साल पहले हि सेवा निवृत्ती हुआ था विश्व की सबसे ऊँची मोटर साइकल चलाने योग्य पॉइंट उमलिंगा ला (लेह लाद्दाख) बाइक से स्वयं चलाकर बिलासपुर से गयी थी, शायद यह दूरी 3700 km के आस पास की रही होगी, जीवटता और जूनून का एक हद अंतिम पड़ाव। एक भयानक एक्सीडेंट जिसके बाद कोई भी इंसान जिंदा रहने के बारे में सोच भी नहीं सकता वहां से वह वापस आई जैसे की इतिहास एक विश्व रिकॉर्ड अभी उनके इंतजार में है वह ठीक हुई और बाइक कम कर विश्व के सबसे उंचे मोटरेबल पॉइंट पर पहुंच गयी। शायद हा उन्होंने इसे अपने जूनून से पार किया एक जिद जिसने उन्हे महान बना दिया। विश्व रिकॉर्ड मे उनका नाम दर्ज हुआ, नाई समाज की एक बेटी जो शायद मीडिया मे ज्यादा न आने के कारण उन्हे शायद लोग ज्यादा नही जानते। मेरे यात्रा के अंतिम दिनों मे मेरी उनसे मुलाक़ात हुई और मिलकर बहुत हि खुशी हुई की चलो मै इस यात्रा से एक लेजेंड से मिलने का अवसर मिला। अंत मे उन्होंने मुझे कर्मवीर शिक्षक सम्मान से अपने संस्था आनन्द सागर प्रवाह के माध्यम से सम्मानित भी किया आपको बहुत बहुत आभार धन्यवाद। साधुवाद।।।
बहुत बहुत धन्यवाद आभार मैम मुझे अपने बेटे की तरह प्यार और आशीर्वाद देने के लिए।

