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सुप्रीम कोर्ट: बुलडोजर न्याय की निंदा, संपत्ति नष्ट कर आवाज नहीं दबा सकते….

सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर न्याय की प्रवृत्ति की कड़ी निंदा की है,कोर्ट ने कहा की नागरिकों की संपत्तियों को नष्ट करने से उनकी आवाज नहीं दबाई जा सकती। अदालत ने कहा कि बुलडोजर न्याय कानून के शासन के तहत अस्वीकार्य है और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।

वही आपको बता दे कि मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सरकार को किसी भी व्यक्ति की संपत्ति ध्वस्त करने से पहले कानूनी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए और उन्हें सुनवाई का अवसर देना चाहिए। बुलडोजर न्याय की अनुमति देने से संपत्ति के अधिकार की सांविधानिक मान्यता समाप्त हो जाएगी। दरअसल यह निर्णय उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में एक पत्रकार के घर को अवैध रूप से ध्वस्त करने के मामले में पारित किया गया। अदालत ने राज्य को याचिकाकर्ता को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक जांच शुरू करने का निर्देश दिया।

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