पुलिस महानिदेशक की दिशा निर्देश अनुसार, करीब 78 हजार से ज्यादा सीज किए गए वाहन पुलिस थानों में खड़े-खड़े धूल फांक रहे हैं। पुलिस प्रशासन न ही इनका रखरखाव सही तरीके से कर पा रही है, और तो और ना ही इनका सही तरीके से मेंटेनेंस हो पा रहा है.
कॉपी समय से थानों में संबंधित खड़ी वाहनों की सूची प्राथमिकता के आधार पर बनाकर उनका सत्यापन जरूर कराएं…..
नतीजेतन थाना परिसर की जगह कन्जेस्टेड बना हुआ है, डीजीपी ने जो आदेश जारी किए पत्र में लिखा है, उसमें कहा गया कि इससे पहले जो निर्देश दिए गए थे, उनका सही से पालन ही नहीं किया गया। डीजीपी ने हिदायत दी है कि नीलामी में इस बात का सख्त ध्यान रखना होगा कि इस नीलामी में पुलिसवालों या उनके रिश्तेदारों को वाहन न देने की हिदायत, कॉपी समय से थानों में संबंधित खड़ी वाहनों की सूची प्राथमिकता के आधार पर बनाकर उनका सत्यापन जरूर कराएं। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाए, जानकारी के लिए आपको बता दें, डीजीपी प्रशांत कुमार पुलिस कमिश्नरों और कप्तानों को लिखे अपने पत्र में कहा है कि नए बने तीन कानूनों में जब्त संपत्ति के निपटारे के कई तरह से व्यवस्था की गई है। लावारिस वाहनों व अन्य वस्तुओं के संबंध में अगर दावेदार नहीं आता है, तो उस क्षेत्र के संबंधित जिलाधिकारी इनकी नीलामी की प्रक्रिया कर सकते है।
रिपोर्ट:- अमित कुमार सिन्हा रांची