तुर्की में लाशों का अंबार लगाने वाले भूकंप की भविष्यवाणी 3 दिन पहले नीदरलैंड के एक रिसर्चर ने कर दी थी. इस डच रिसर्चर फ्रैंक हूगरबीट्स (Frank Hoogerbeets) ने अब भारत सहित अफगानिस्तान और पाकिस्तान के आसपास भूकंप के बड़े झटके लगने का अनुमान लगाया है. उनके इस अनुमान के बाद आजतक ने फ्रैंक हूगरबीट्स से बातचीत की और जाना की आखिर किस तरह वह भूकंप का पूर्वानुमान लगाते हैं.
3 फरवरी 2023 का दिन. यानी तुर्की में 6 फरवरी को आए भूकंप से ठीक 3 दिन पहले. डच रिसर्चर फ्रैंक हूगरबीट्स ने भविष्यवाणी की थी कि तुर्की और सीरिया में 7.5 मैग्नीट्यूड का भूकंप आ सकता है. उस समय लोगों ने उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया. लेकिन जब 3 दिन बाद ही तुर्की और सीरिया में भयंकर भूकंप आया तो लोगों को अचानक ही फ्रैंक हूगरबीट्स की याद आ गई. इस भूकंप में अब तक 34 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
फ्रैंक हूगरबीट्स ने आजतक को बताया कि वह ग्रहों की चाल के आधार पर भूकंप की भविष्यवाणी करते हैं. वे सोलर सिस्टम ज्योमेट्री सर्वे (SSGEOS) के लिए काम करते हैं. SSGEOS एक शोध संस्थान है, जो भूकंप की गतिविधि का अनुमान लगाने के लिए आकाशीय पिंडों की निगरानी करता है. हालांकि, फ्रैंक के दावों पर कई वैज्ञानिक सवाल भी उठा रहे हैं. उनसे इस बात को लेकर ही सवाल पूछा गया कि सोशल मीडिया पर उनकी भविष्यवाणी पर प्रश्नचिन्ह क्यों लगाए जा रहे हैं?
इसके जवाब में फ्रैंक ने बताया कि भूकंप के तीन दिन पहले मैंने उसके पूर्वानुमान को लेकर एक ट्वीट किया था. मैंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उस क्षेत्र पर मैंन विस्तार से रिसर्च किया था. रिसर्च से मुझे अनुमान लग गया था कि वहां कुछ भूकंप संबंधी गतिविधियां होने वाली हैं. इसलिए मैंने सोचा कि कोई घटना घटित होने से पहले लोगों के लिए चेतावनी जारी की जानी चाहिए. लेकिन मुझे नहीं पता था कि 3 दिन बाद ही इतना बड़ा भूकंप आ जाएगा.
तुर्की और सीरिया में भूकंप की विष्यवाणी करने वाले डच रिसर्चर फ्रैंक हूगरबीट्स (Frank Hoogerbeets).
फ्रैंक ने आगे बताया कि आज भी हमारे यहां भूकंप को लेकर की जाने वाली भविष्यवाणी को सैद्धांतिक तौर पर सही नहीं माना जाता. अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण करने वालों का कहना है कि किसी भी वैज्ञानिक ने कभी भी बड़े भूकंप की भविष्यवाणी नहीं की. असल में जिस विधि का हम उपयोग करते हैं उसे लेकर कई तरह के विवाद हैं.