
मणिपुर में हालात एक बार फिर बिगड़ गए हैं. मैतेई समुदाय से जुड़े दो लापता छात्रों की हत्या के बाद से एक बार फिर से राज्य को हिंसा ने जकड़ लिया है।
बता दे इम्फाल पूर्व के हेनगिंग इलाके में गुरुवार को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के पैतृक आवास की ओर मार्च करने के लिए जुटे थे। लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें रोक लिया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इम्फाल के हेनगिंग में मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के पैतृक आवास पर हमला करने का प्रयास किया गया।
यह पहली बार नहीं है जब जातीय तनाव के बीच बीजेपी दफ्तर पर हमला हुआ है। इससे पहले जून में थौबल जिले में तीन बीजेपी दफ्तरों में उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की थी. इस दौरान भीड़ ने कार्यालय के गेट, खिड़कियां और परिसर में खड़ी एक कार के शीशे तोड़ दिए थे।
आईए जानते हैं पूरा मामला—
6 जुलाई से लापता दो छात्रों की हत्या के विरोध में स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया. इस बीच स्थानीय प्रदर्शनकारियों और आरएएफ सुरक्षाकर्मियों के बीच मंगलवार रात को झड़प हुई।
इस घटना में 45 लोग घायल हो गए जिनमें अधिकतर छात्र हैं।
दोनों छात्रों की हत्या के मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है.।सीबीआई निदेशक अजय भटनागर अपनी टीम के साथ बुधवार को इम्फाफल पहुंच गए हैं। इस मामले पर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह लगातार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के संपर्क में बने हुए हैं।
साथ ही साथसुरक्षाकर्मियों को अलर्ट पर रखा गया है.