चोकाने वाला खुलासा नदियों में जाने वाला कूड़ा निगल रही मछलियां, 

एक शोध के अनुसार मछलियों के शरीर में प्लास्टिक पाया गया है। सबसे बुरी स्थिति ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा में पाई जाने वाली मछलियों की है।

कूड़ा प्रबंधन की उचित व्यवस्था न होना और नदियों में अनियंत्रित पर्यटन गतिविधियां मछलियों की सेहत पर भारी पड़ रही हैं


हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि के हिमालयी जलीय जैव विविधता विभाग ने देवप्रयाग से हरिद्वार तक गंगा नदी की मछलियों पर अध्ययन किया है।

शोध के लिए गंगा नदी में मिलने वाली मछलियों की चार प्रमुख प्रजातियों गारा, लेबियो, टोर और स्कीजोथोरेक्स के पेट के नमूने लिए गए। इनके पेट में पॉलीमर, माइक्रो प्लास्टिक, कपड़ों के रेशे के अवशेष मिले।

जिसमें यह स्पष्ट हुआ था कि मछलियां प्रदूषित जल और सामग्री को भोजन के रूप में निगल रही हैं।

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