सनसनीखेज खुलासा: online जमाबंदी में आई गड़बड़ी! 1.65 लाख एकड़ जमीन पर तीन हजार लोगों का अवैध कब्जा…

बांका: सूत्र सनसनी खुलासा, रिपोर्ट के मुताबिक ऑनलाइन जमाबंदी में सामने आई गड़बड़ी 1.65 लाख एकड़ जमीन पर तीन हजार लोगों का अवैध कब्जा…
बिहार के बांका में बड़ी संख्या में लोग सरकारी जमीन पर कब्जा करके बैठे हुए हैं। ऐसे लोगों से सरकारी जमीन कब्जा मुक्त होने से जमीन की समस्या दूर हो सकती हैं।

बताते चलें, चांदन, बेलहर, कटोरिया सहित अन्य अंचलों में इसकी शिकायत।
जमीन के अभाव में मेडिकल कालेज की स्थापना लंबित।
44 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन को प्रशासन ने कराया कब्जा मुक्त। 99 लोगों के मालिककाना हक से 511 एकड़ जमीन हुई सरकारी घोषित।

जिले में सरकारी जमीन की कोई कमी नहीं है। इसके बावजूद, मेडिकल कॉलेज से लेकर कई सरकारी प्रतिष्ठान जमीन के अभाव में लंबित हैं।

जहां बड़ी-बड़ी कंपनियां सोलर प्लांट से लेकर इथेनॉल की इकाई स्थापित के लिए लालायित हैं, लेकिन ऐसी कंपनियों को जमीन नहीं मिल रही है। इसकी मुख्य वजह सरकारी जमीन पर लोगों का अवैध कब्जा है।

65 हजार एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा
बांका में बड़ी संख्या में लोग सरकारी जमीन पर कब्जा करके बैठे हुए हैं। ऐसे लोगों से सरकारी जमीन कब्जा मुक्त होने से जमीन की समस्या दूर हो सकती हैं।

ऐसे खुली कब्जाधारियों की पोल सरकारी आंकड़ा कहता है कि जिले में एक लाख 65 हजार एकड़ जमीन पर लगभग तीन हजार से अधिक लोगों ने कब्जा कर रखा है।

सरकार के आदेश पर प्रशासन द्वारा जब जमीन की ऑनलाइन जमाबंदी शुरु की गई, तो इसकी गड़बड़ी पकड़ी गई है। इसमें 48 हजार से अधिक खसरा की जमीन है, जबकि 50 हजार से अधिक प्लांटों की संख्या है।

राज्य मुख्यालय ने जब इसकी सूची जारी की, तो अवैध कब्जाधारियों के होश होड़ गए हैं। इस संबंध में एडीएम माधव कुमार सिंह ने कहा कि राज्यस्तर पर जमाबंदी के आनलाइन रिपोर्ट भेजने पर गड़बड़ी सामने आई है। जमीन की पहचान कर संबंधित लोगों को नोटिस दिया जाएगा। 1991 को बांका जिला की हुई है स्थापना..

दरअसल, पहले बांका अनुमंडल भागलपुर जिले का अंग था। 21 फरवरी 1991 को बांका जिला अस्तित्व में आया। तब जंगल व पहाड़ी क्षेत्र के कारण लोग जमीन के प्रति जागरुक नहीं थे। यातायात की बेहतर सुविधा नहीं होने के कारण लोग भागलपुर जिले का चक्कर नहीं लगा पाते थे।

बता दें, धौरी धर्मशाला के अध्यक्ष संजीव कुमार सिंह ने कहा कि इस कारण भी जमीन के शाैकिन लोगों ने जैसे-तैसे हजारों एकड़ जमीन अपने नाम कर लिए। अभी भी ककवारा, बांका सहित अन्य क्षेत्रों में कुछ लोग जमीन की फर्जी जमाबंदी कायम करने का ठेका लिए हुए हैं।

सरकारी ऑनलाइन में 50 हजार से अधिक जमाबंदी दो-दो व्यक्तियों के नाम कायम होने के सबूत मिले थे। इसको लेकर एडीएम द्वारा कई लोगों को नोटिस दिए थे।

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार नक्सल प्रभावित बेलहर, चांदन, कटोरिया अंचल में अधिक जमीन पर लोगों का कब्जा है। इसके अलावा बौंसी, बांका, अमरपुर, रजौन सहित अन्य अंचलों में जमीन है।

जमाबंदी आनलाइन में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा की बात सामने आई है। रिपोर्ट राज्य मुख्यालय से जारी हुई है। रिपोर्ट आकलन कर संबंधित लोगों को नोटिस किया जाएगा। प्रशासन इसके पहले 44 करोड़ रुपये मूल्य की 511 एकड़ से अधिक जमीन को 91 लोगों से कब्जा मुक्त कराया है। जिस पर डीएम अंशुल कुमार के नेतृत्व में पौधारोपण कराया गया है। लगातार वैसे लोगों को चिन्हित कर जमीन कब्जा मुक्त करने की कोशिश की जा रही है। रिपोर्ट:-अमित कुमार सिन्हा (बांका)

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