रिपोर्ट हमज़ा राव
उत्तराखंड में लॉकडाउन 3.0 में खुली शराब की दुकानों में उमड़ी भीड़ को देख कर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल हैरान हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं यह देख रहा हूं कि राशन की मांग करने वालों के पास शराब खरीदने के लिए पैसे कहां से आ रहे हैं।
प्रदेश सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।अग्रवाल विधानसभा में मीडिया कर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उनसे जब शराब की दुकानों पर लोगों की भीड़ से जुड़ा प्रश्न पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि मैं जब विधानसभा आ रहा था रास्ते में शराब की दुकानें और उन पर उमड़ी भीड़ दिखाई दी।
मैं वहां भीड़ को देखकर हैरान हूं। मुझे बहुत अजीब लगा कि लॉकडाउन में जो लोग राशन की मांग कर रहे थे वे आज शराब के लिए लंबी लाइन में खड़े हैं। उनके पास शराब खरीदने के लिए पैसा कहां से आ रहा है। स्पीकर ने कहा कि सरकार को इस को गंभीरता से लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से शराब का पक्षधर नहीं हूं। लेकिन आज हमें कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करना है। सोशल डिस्टेंसिंग बनाना सबसे जरूरी है। लेकिन ज्यादातर शराब की दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग नहीं दिखाई दी। इस बारे में राज्य सरकार को सोचना होगा।
बता दें कि कोरोना को लेकर लॉकडाउन जब से लागू हुआ था तब से उत्तराखंड में वाइन शॉप बंद थीं, जिन्हें लॉकडाउन थ्री के पहले दिन करीब 40 दिन बाद खोल दिया गया। सोमवार से पाबंद क्षेत्रों को छोड़कर शराब और बीयर की दुकानें खोली गई। लेकिन जैसे ही दुकानें खुली वहां बड़ी संख्या में लोग पहुुंच गए।।