तीसरी लहर में बच्चों पर खतरा देख- जारी की ये गाइडलाइन…

लखनऊ। कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों पर खतरा होने की बात कही जा रही है। ऐसे में सरकार और डॉक्टर्स ने अभी से इस समस्या से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना का संक्रमण किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। हालांकि बच्चों में इसके काफी हल्के लक्षण नजर आते हैं। काफी कम मामले ऐसे होते हैं जिनमें बच्चों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है। कई लोगों में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर डर है,

हालांकि इस बात के कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि तीसरी लहर में बच्चों को खतरा है। कोरोना की पहली लहर में बुजुर्ग इस बीमारी का शिकार बने थे, दूसरी लहर में ज्यादा संक्रमण के मामले युवाओं में सामने आए, ऐसे में अब माना जा रहा है कि तीसरी लहर में बच्चों को खतरा हो सकता है।


ऐसे में लोगों में डर है क्योंकि बच्चों को अभी तक वैक्सीन नहीं दी हई है। लोगों के डर को कम करने के लिए और बच्चों को भविष्य में आने वाले खतरे से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है। इस गाइडलाइन में हर वो जानकारी दी गई है जो लोगों को उनके बच्चों को सुरक्षित रखने में मदद करेगी।
बच्चों में कोरोना के कौन से लक्षण
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक बच्चों में कोरोना के आम लक्षणों में सर्दी, हल्का बुखार, शरीर में दर्द, कमजोरी, पेट में दर्ज, डायरिया, उल्टी, स्मेल या स्वाद का चले जाना शामिल है।
अगर बच्चा किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आया है या 3 दिन से लगातार बुखार में है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और घर में आइसोलेट करें।
कोरोना संक्रमित बच्चे का कैसे रखें ध्यान – अगर बच्चा कोरोना संक्रमित पाया गया है तो उसे परिवार के बाकी लोगों से अलग रखें और डॉक्टर से बात करें। इस दौरान परिवार के बाकी लोग बच्चे से वीडियो कॉल या कॉल के जरिए सकारात्मक बातें करें।
अगर मां और बच्चा, दोनों कोरोना संक्रमित हैं तो बच्चा अपनी मां के साथ रह सकता है। वहीं अगर मां पॉजिटिव है और बच्चा नेगेटिव है और घर में बच्चे की देखभाल करने वाला कोई और नहीं है तो मां मास्क पहनकर बच्चे का ख्याल रख सकती हैं। वहीं माताएं अपने शिशु को जितना संभव स्तनपान जारी रख सकती हैं। कोरोना संक्रमित बच्चे की मेंटल हेल्थ का भी काफी ज्यादा ध्यान रखने की सलाह दी गई है।
वहीं इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने के लिए सब्जियों और फलों सहित स्वस्थ और पौष्टिक खाना और हाइड्रेशन बनाए रखना जरूरी है। 6 महीने से कम उम्र के बच्चों के लिए, केवल स्तनपान उनके स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा पोषण है। 6 महीने के बाद बच्चों को स्तनपान के साथ पूरक आहार दिया जा सकता है। बच्चों के लिए नियमित टीकाकरण जारी रखा जाना चाहिए।

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