बरसात में रिस्पना और बिंदाल नदी कभी भी कहर बरपा सकती हैं। इनके किनारे बसी 30 अवैध बस्तियां खतरे में हैं। भारी बरसात की वजह से ये नदियां कब उफान पर आ जाएं, कहना मुश्किल है। शनिवार को हुई बारिश के दौरान भी इन नदियों का बहाव तेज होने से चिंता की स्थिति बन गई थी। इसके अलावा शहर के ज्यादातर नालों पर भी अतिक्रमण है।
शहर में रिस्पना और बिंदाल के दोनों तरफ अवैध बस्तियां बस जाने से ये नदियां संकरी हो गई हैं। शनिवार को रिस्पना नदी का पानी आबादी में घुस गया था और काफी नुकसान हुआ था। जिला प्रशासन के निर्देश पर नगर निगम और सिंचाई विभाग ने नदी किनारे बसी अवैध बस्तियों की स्थिति का जायजा लिया है। इस दौरान टीम ने पाया कि अगर पहाड़ी क्षेत्रों में ज्यादा बरसात हुई तो नदी कहर बरपा सकती है। नदी में मलबा जम जाने के कारण खुदाई की जरूरत भी बताई गई। यही स्थिति बिंदाल नदी की है। बिंदाल में शनिवार को आए उफान से इसके किनारे बने कई मकान गिरने की कगार पर पहुंच गए हैं। आबादी की तरफ बनाए गए पुस्ते क्षतिग्रस्त होने लगे हैं और इनको सहारा देने के लिए लगाए गए जाल टूट गए हैं।
टीम ने निरीक्षण के दौरान नदी किनारे बसे परिवारों से बात कर उन्हें हटने को भी कहा, लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं हैं। वीर गबर सिंह बस्ती में रहने वालों का कहना है कि उन्हें सिर छिपाने के लिए जगह चाहिए, जो प्रशासन उपलब्ध नहीं करा रहा। इसी बस्ती के किशन सिंह का कहना है कि प्रशासन ने अभी तक राहत और बचाव के नाम पर कुछ नहीं किया है। संजय कॉलोनी निवासी हामिद का कहना है कि नदी किनारे रहने के कारण हर समय खतरा रहता है। बरसात में अक्सर पूरी रात जागकर काटनी पड़ती है। वहीं, चंद्रशेखर आजाद कॉलोनी के पप्पू यादव का कहना है कि नदी में कटान होने से खतरा बढ़ रहा है। यहां सुरक्षा के लिए पुस्तों का निर्माण जरूरी है।
रिस्पना के किनारे बसी बस्तियां
काठबंगला बस्ती, वीर गबर सिंह बस्ती, राजीव नगर, आर्य नगर, राजेश रावत कॉलोनी, महात्मा गांधी बस्ती, भगत सिंह कॉलोनी, दीपक नगर, मोथरोवाला, गुरु तेग बहादुर कॉलोनी का बड़ा हिस्सा।
बिंदाल के किनारे की बस्तियां
विजय कॉलोनी, चुक्खूवाला, जोहड़ी, कांवली रोड, खुड़बुड़ा, पटेलनगर की चंदशेखर बस्ती, राजीव नगर, ब्रह्मपुरी, लोहिया नगर, महबूब कॉलोनी, गांधीग्राम का कुछ इलाका।
बरसात में कहर बरपा सकती हैं रिस्पना-बिंदाल नदी, 30 अवैध बस्तियों पर मंडरा रहा खतरा।
