कंगना रनौत की फ्लाइट के दौरान रिपोर्टर्स पर लगे नियमों के उल्लंघन के आरोप

कंगना रनौत की फ़्लाइट में मीडिया चैनलों की अफ़रा-तफ़री की वजह से विवाद हो गया है.

बुधवार को कंगना की चंडीगढ़ से मुंबई की इंडिगो फ्लाइट में मीडिया चैनलों के बीच मची अफ़रा-तफरी और फ़्लाइट के भीतर की गई वीडियोग्राफ़ी पर एविएशन रेगुलेटर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इंडिगो से जवाब मांगा.

इस बारे में एयरलाइन इंडिगो का कहना है कि उसने सभी नियमों का पालन किया है.

इंडिगो ने कहा, ”नौ सितंबर, 2020 को चंडीगढ़ से मुंबई की फ़्लाइट संख्या 6E 264 में मौजूद हमारे केबिन क्रू और कैप्टन ने हर ज़रूरी नियमों का पालन किया. यह ऐलान किया गया कि फोटोग्राफ़ी मना है, लोग फ़िज़िकल डिस्टेंसिंग और सुरक्षा का ख़याल रखें. इंडिगो ने प्रोटोकॉल के तहत इस मुद्दे को पोस्ट-फ़्लाइट रिपोर्ट में दर्ज भी किया.”

एयरलाइन ने कहा कि वो यात्रियों की सुरक्षित और सुखद यात्रा के लिए प्रतिबद्ध है.

डीजीसीए ने इंडिगो एयरलाइन से के फ़्लाइट संख्या 6E-264 में पत्रकारों की ओर से सुरक्षा और फ़िज़िकल डिस्टेंसिंग के नियमों के उल्लंघन, और फ़ोटोग्राफ़ी करने को लेकर एयरलाइन से रिपोर्ट मांगी थी.

कंगना रनौत और महाराष्ट्र सरकार के बीच गहराते विवाद को लेकर कंगना से सोनिया गांधी से कहा है कि वो अपनी सहयोगी पार्टी शिवसेना से संविधान का पालन करने को कहें.

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने शुक्रवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से कहा है कि वो इस बात की ओर ग़ौर करें कि महाराष्ट्र सरकार ‘एक महिला’ (उनसे) से कैसा बर्ताव कर रही है.

कंगना ने ट्वीट किया कि सोनिया गांधी सहयोगी पार्टी के ‘एक महिला को परेशान’ करने पर उनकी चुप्पी इतिहास में दर्ज होगी. उन्होंने सोनिया गांधी से कहा कि वो महाराष्ट्र में अपनी सहयोगी पार्टी से भारतीय संविधान के मूल्यों का पालन करने के लिए कहें.

जून में बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से कंगना ने बॉलीवुड फ़िल्म इंडस्ट्री में भाई-भतीजावाद के बारे में कई बयान दिए थे जिसके बाद से ही वो लगातार चर्चा में हैं.

मुंबई की तुलना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से करने वाले बयानों के कारण विवादों में घिरी कंगना को केंद्र सरकार ने हाल में वाई प्लस सुरक्षा दी है.

हाल में अवैध निर्माण के आरोप में बृहन्नमुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने बांद्रा में मौजूद उनकी संपत्ति तोड़ने के ख़िलाफ़ मुंबई हाईकोर्ट का रुख़ किया है.

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