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रामपुर विधायक फूलसिंह राठिया का बड़ा आरोप – अदानी पावर कोरबा कर रही स्थानीयों की उपेक्षा, आंदोलन की चेतावनी

अशोक कुमार श्रीवास की रिपोर्ट

अगर न्याय नहीं मिला, तो प्लांट गेट होगा बंद – फूलसिंह राठिया की चेतावनी”

कोरबा/रामपुर। रामपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री फूलसिंह राठिया ने अदानी पावर लिमिटेड कोरबा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए, कंपनी को 7 दिन के भीतर समस्याओं के निराकरण की चेतावनी दी है।
विधायक फूल सिंह राठिया ने अपने पत्र में कहा है कि यदि स्थानीयों की उपेक्षा और समस्याओं का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे जनप्रतिनिधियों, यूनियनों और ग्रामीणों के साथ मिलकर प्लांट गेट बंद करने के लिए आंदोलन करेंगे।

आइए जानते हैं उनके आरोपों के प्रमुख बिंदु –

1️⃣ भू-विस्थापितों के रोजगार का वादा अधूरा: वर्ष 2004-05 में जब अदानी पावर की इकाई 1 और 2 के लिए जमीन अधिग्रहण हुआ था, तब त्रिपक्षीय वार्ता में 330 भू-विस्थापितों को स्थायी रोजगार देने की सहमति बनी थी।

लेकिन आज तक कई पात्र युवक, जो पहले नाबालिग थे और अब बालिग हो चुके हैं, उन्हें गुमराह कर नौकरी से वंचित किया जा रहा है।

2️⃣ इकाई 3, 4, 5, 6 के विस्थापितों को रोजगार या भत्ता नहीं:

वर्ष 2011-12 में इन इकाइयों के लिए भूमि अधिग्रहण हुआ, लेकिन आज तक न किसी को नौकरी मिली और न ही कोई भत्ता।

विधायक ने त्रिपक्षीय वार्ता की मांग की है जिसमें स्थानीय प्रतिनिधियों और जिला प्रशासन की मौजूदगी हो।

3️⃣ वेतन में भेदभाव का आरोप:

इकाई 1 और 2 में कार्यरत भू-विस्थापित कर्मचारियों को अप्रैल 2025 में वेतन वृद्धि तो दी गई,

लेकिन इंसेन्टिव (प्रोत्साहन राशि) नहीं दी गई, जबकि अधिकारियों को यह लाभ मिला।

इससे स्थानीय कर्मचारियों में भारी असंतोष है।

4️⃣ सीएसआर फंड का लाभ नहीं मिल रहा ग्रामीणों को: अदानी पावर द्वारा सीएसआर मद में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, और जल संकट जैसे मुद्दों की उपेक्षा की जा रही है।

गांवों में बोरवेल और हैंडपंप सूख चुके हैं और पानी पीने योग्य नहीं है।

5️⃣ बिना चरित्र सत्यापन के बाहरी मजदूरों की भर्ती:

इकाई 3 और 4 में अन्य राज्यों से करीब 7 से 8 हजार मजदूर लाए गए हैं,

जिनका कोई चरित्र सत्यापन नहीं हुआ है। विधायक ने पूछा है कि अगर कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?

6️⃣ स्थानीय युवाओं को दरकिनार कर बाहरी भर्ती:

कोरबा और आसपास के शिक्षित स्थानीय युवा बेरोजगार हैं,

फिर भी अदानी पावर द्वारा बाहरी राज्यों के लोगों को भर्ती कर काम में लगाया जा रहा है।

यह स्थानीय युवाओं के साथ अन्याय है।

7️⃣ ठेका श्रमिकों से न्यूनतम वेतन और मानवाधिकारों का हनन:

अदानी के अधीन काम कर रहीं ठेका कंपनियों में न्यूनतम वेतन नहीं दिया जा रहा,

और बिना ओवरटाइम के 12-12 घंटे काम कराया जा रहा है, जिससे मानसिक तनाव बढ़ रहा है और दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।

विधायक का बयान:

“ऐसा लगता है कि ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ का नारा अदानी पावर को रास नहीं आ रहा है।

स्थानीयों को छोड़कर बाहरी लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है। अगर 7 दिन के भीतर समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो मैं आंदोलन के लिए बाध्य हो जाऊंगा।”

प्रशासन को भी भेजी गई प्रतिलिपि:

यह पत्र कोरबा के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, सहायक श्रमायुक्त और प्रोजेक्ट हेड अदानी पावर को भेजा गया है।

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