राजनाथ सिंह का बयान ,गांधी के कहने पर सावरकर ने अंग्रेजों के सामने डाली थी दया याचिका…..

राजनाथ सिंह ने कहा कि जेल में बंद सावरकर ने महात्मा गांधी के कहने पर ही अंग्रेजों को दया याचिका लिखी थी. इस बारे में वे बताते हैं कि सावरकर को लेकर कई तरह झूठ फैलाए गए हैं.

वीर सावरकर को लेकर देश की राजनीति एक फिर गरमाने लगी है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सावरकर पर एक किताब का विमोचन करते हुए इस मुद्दे पर विस्तार से बात की है. एक तरफ सावरकर के विरोधियों पर जमकर निशाना साधा गया तो वहीं दूसरी तरफ उन्हें देश का सबसे बड़ा राष्ट्रवादी करार दिया गया.

सावरकर के बचाव में राजनाथ

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि जेल में बंद सावरकर ने महात्मा गांधी के कहने पर ही अंग्रेजों को दया याचिका लिखी थी. इस बारे में वे बताते हैं कि सावरकर को लेकर कई तरह झूठ फैलाए गए हैं. ऐसा कहा गया था कि सावरकर ने अंग्रेजों के सामने कई बार दया याचिका डाली थी. लेकिन सच तो ये है कि सावरकर ने ये सब गांधी जी के कहने पर किया था. उन्हीं के कहने पर उन्होंने जेल में बैठ दया याचिका दाखिल की थी.

वहीं राजनाथ ने उन लोगों को भी आड़े हाथों लिया जिन्होंने वीर सावरकर को फासीवादी बताया था. उनकी नजरों में सावकर एक स्वतंत्रता सेनानी थे. उन्हें सिर्फ उन लोगों ने बदनाम किया जो मार्क्सवादी और लेनिनवादी विचारधारा का पालन करते हैं. राजनाथ ने जोर देकर कहा कि सावरकर को लेकर जो नफरत दिखाई जा रही है, वो तथ्यहीन है. इसके अलावा राजनाथ सिंह ने सावरकर को देश का पहला रक्षा विशेषज्ञ बता दिया. उनके मुताबिक दूसरे देशों संग कैसे संबध रखे जाएं, इसको लेकर सावरकर की नीति एकदम स्पष्ट थी.

उस नीति के बारे में रक्षा मंत्री ने कहा कि सावरकर हमेशा ये मानते थे कि दूसरे देशों से संबंध इस बात पर निर्भर नहीं करने चाहिए कि वहां पर किसकी सरकार है, बल्कि जोर इस बात पर रहना चाहिए कि क्या वो देश हमारे हितों को समझ पा रहा है, क्या वो हमारी सुरक्षा के लिहाज से अनुकूल है.

रिपोर्ट- शान अली नक़वी

Share
Now