राज ठाकरे का विवादास्पद बयान: ‘मराठी नहीं आती तो थप्पड़ खाओ’ – क्या है रणनीतिक बदलाव?

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने हाल ही में मराठी भाषा की अस्मिता का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि मुंबई में रहना है तो मराठी बोलनी होगी। उनके इस बयान के बाद महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है। राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “अगर मुंबई में कोई कहे कि उसे मराठी नहीं आती, तो उसे थप्पड़ पड़ेगा। देश की बात मत करो। हर राज्य की अपनी भाषा होती है और उसका सम्मान होना चाहिए। मुंबई में मराठी का सम्मान होना चाहिए।”

वही राज ठाकरे के इस बयान पर महाराष्ट्र की सत्ता में काबिज महायुति गठबंधन और विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) ने खुलकर कुछ नहीं कहा है। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में मराठी की मांग करना गलत नहीं है, लेकिन कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। राज ठाकरे भले ही BJP के नेतृत्व वाली महायुति गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन वे पार्टी और सीएम देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने जाते हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में राज ठाकरे की पार्टी ने BJP को अपना समर्थन दिया था।

बता दे की राज ठाकरे का उद्देश्य अपनी पार्टी की राजनीतिक हालत सुधारना है। वे ‘मराठी माणूस’ के मुद्दे को फिर से जीवित कर अपनी सियासी जमीन तलाशने में जुटे हैं। उधर, बीजेपी BMC चुनाव जीतने के लिए हर संभावनाओं को तलाश रही है। अगर MNS इन चुनावों में मजबूती से लड़ते हुए उद्धव ठाकरे की पार्टी को डेंट लगाने में कामयाब रही, तो यह बीजेपी के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। राज ठाकरे के बयान ने महाराष्ट्र की सियासत में हलचल मचा दी है। अब देखना यह है कि आगे क्या होता है और इसका महाराष्ट्र की राजनीति पर क्या असर पड़ता है।

रिपोर्ट:- कनक चौहान

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