अमेठी रायबरेली सीट जीतने के चैलेंज को प्रियंका ने किया स्वीकार! वार रूम तैयार खुद संभालेगी मोर्चा….

राहुल गांधी ने रायबरेली तो केएल शर्मा ने अमेठी से नामांकन भर दिया है। शुक्रवार को प्रियंका गांधी अमेठी के रोड शो में मौजूद रहीं फिर बाद वह भाई राहुल के नामांकन के समय रायबरेली भी आईं। संदेश साफ हो गया कि भले ही गांधी परिवार अमेठी से प्रत्यक्ष तौर पर लड़ाई न लड़ रहा हो लेकिन गांधी परिवार के लिए प्रतिष्ठा की सीट रायबरेली के साथ अमेठी की भी बन गई है। अमेठी में केएल शर्मा की हार सीधे तौर पर गांधी परिवार के प्रभाव की हार है।

अमेठी हो या रायबरेली, दोनों सीटों पर अब तस्वीर साफ हो गई है। सबसे ज्यादा चर्चा कांग्रेस के राजनीतिक कदम को लेकर है। दरअसल, राहुल गांधी अमेठी छोड़कर रायबरेली चले गए, जबकि अमेठी में गांधी परिवार के करीबी व सोनिया के चाणक्य माने जाने वाले किशोरी लाल शर्मा मैदान में है। यह बात अलग है कि अमेठी के रण में अब सीधे तौर पर गांधी परिवार का कोई सदस्य नहीं है लेकिन, अपरोक्ष रूप से यहां पर कांग्रेस की पूरी सियासी गणित प्रियंका गांधी वाड्रा के हाथ में ही है। रायबरेली में भाई राहुल गांधी के चुनावी प्रचार की कमान संभालने के साथ ही वह अमेठी में किशोरी लाल शर्मा के लिए चुनावी फिजां तैयार करेंगी। इस बात का संकेत खुद प्रियंका ने छह तारीख को रायबरेली में आकर चुनाव तक रहने का संकेत देकर जाहिर कर दिया है।

दोनों सीटों से है रिश्ता

अमेठी हो या रायबरेली, दोनों गांधी परिवार की परंपरागत सीटें मानी जाती है। गांधी परिवार से एक लंबा रिश्ता रहा है। कांग्रेस ने रायबरेली में सोनिया गांधी के बाद अब उनके बेटे राहुल गांधी को सियासी रण में उतारा है लेकिन, अमेठी से गांधी परिवार ने अपने को दूर कर लिया है। यह बात अलग है कि गांधी परिवार के करीबी व सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा मैदान में है लेकिन, परोक्ष रूप से गांधी परिवार के सदस्य के न होने को लेकर कांग्रेसी समीकरण बैठाने में लगे हुए हैं। कांग्रेस नेता अनुज तिवारी कहते हैं कि किशोरी लाल शर्मा को गांधी परिवार से ही जोड़कर देखा जाना चाहिए। 40 सालों से वह गांधी परिवार के साथ है। हर दुख में साथ रहे, हर सुख के साक्षी रहे। रही बात, चुनावी प्रबंधन की तो हर तरह से रणनीति तैयार रहा है

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