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राष्ट्रपति का काफिला बना महिला की मौत का कारण-सब इंस्पेक्टर समेत 4 पुलिसकर्मी सस्पेंड….

कानपुर: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की यात्रा के दौरान निर्धारित समय से अधिक समय तक यातायात रोकने के लिए एक उपनिरीक्षक सहित चार पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया। अधिक समय तक यातायात रोकने की वजह से एक बीमार महिला उद्यमी कथित तौर पर समय से अस्पताल नहीं पहुंच सकी और उनकी मौत हो गई। इस मामले की जांच पुलिस उपायुक्त दक्षिण को सौंपी गयी है और उनसे पुलिस आयुक्त को अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।

गौरतलब है कि शुक्रवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के शहर आगमन से कुछ देर पूर्व रोके गए ट्रैफिक में महिला उद्यमी वंदना मिश्रा फंसी रहीं। वे इलाज कराने के लिए अस्पताल जा रही थीं, लेकिन ट्रैफिक में फंसे होने के कारण उनकी स्थिति बिगड़ती चली गई। जाम खुलने के बाद वे अस्पताल पहुंच सकीं, लेकिन वहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

इस बाबत पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने कहा कि भारतीय उद्योग संघ (आईआईए) की कानपुर इकाई में महिला प्रकोष्ठ की की अध्यक्ष वंदना मिश्रा के असामयिक निधन से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आहत हैं। मिश्रा को ले जा रहा वाहन शुक्रवार शाम राष्ट्रपति के दौरे के दौरान गोविंदपुरी पुल पर रुके हुए यातायात में कथित रूप से फंस गया। उन्हें काकादेव के एक निजी अस्पताल में ले जाया जा रहा था। महिला उद्यमी के निधन की जानकारी मिलने के बाद पुलिस आयुक्त ने व्यक्तिगत रूप से इस घटना के लिए माफी मांगी ।

अरुण ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ” आईआईए की अध्यक्षा बहन वन्दना मिश्रा जी के निधन के लिये कानपुर नगर पुलिस और मैं क्षमा प्रार्थी हूं। भविष्य के लिये यह बड़ी सबक हैं। हम प्रण करते हैं कि हमारी रूट व्यवस्था ऐसी होगी कि न्यूनतम समय के लिये नागरिकों को रोका जाए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हों।”

वहीं मृतक के पति शरद मिश्रा ने बताया कि वंदना को काकादेव के रीजेंसी अस्पताल ले जाते समय वे गोविंदपुरी पुल पर फंस गयें। उन्होंने कहा कि उन्होंने पुलिस से बार-बार अनुरोध किया कि उन्हें मरीज को अस्पताल ले जाने की अनुमति दी जाए, लेकिन उन्होंने उनकी बात अनसुनी कर दी।पुलिस द्वारा यातायात खोले जाने के बाद ही हमें जाने दिया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें (वंदना मिश्रा) मृत घोषित कर दिया। शरद मिश्रा ने दावा किया कि डॉक्टरों ने कहा कि अगर महिला को समय पर अस्पताल लाया जाता तो उनकी जान बचाई जा सकती थी।

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