बीआरडी मेडिकल कॉलेज में गर्भवती की तड़प तड़प कर मौत! डॉक्टरों ने नहीं दिया इलाज जबरदस्त हंगामा…..

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की लापरवाही से मरीज की मौत का मामला सामने आया है। आरोप है कि सात माह की गर्भवती को चार घंटे तक इलाज नहीं मिला, जिससे मौत हो गई। परिजनों ने हंगामा किया तो जूनियर डॉक्टरों ने हाथापाई शुरू कर दी। पुलिस ने समझा-बुझाकर शव एंबुलेंस से भेजवाया।

जानकारी के मुताबिक, सिद्धार्थनगर के बेलहरा गांव निवासी संदीप त्रिपाठी पत्नी चंद्रा को लेकर शुक्रवार सुबह सात बजे इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे। गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने सुपर स्पेशियलिटी में जाने की सलाह दी। उन्होंने सुपर स्पेशियलिटी में ओपीडी का पर्चा बनवाया और हृदय रोग विभाग में दिखाया।बीआरडी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की लापरवाही से मरीज की मौत का मामला सामने आया है। आरोप है कि सात माह की गर्भवती को चार घंटे तक इलाज नहीं मिला, जिससे मौत हो गई। परिजनों ने हंगामा किया तो जूनियर डॉक्टरों ने हाथापाई शुरू कर दी। पुलिस ने समझा-बुझाकर शव एंबुलेंस से भेजवाया।

जानकारी के मुताबिक, सिद्धार्थनगर के बेलहरा गांव निवासी संदीप त्रिपाठी पत्नी चंद्रा को लेकर शुक्रवार सुबह सात बजे इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे। गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने सुपर स्पेशियलिटी में जाने की सलाह दी। उन्होंने सुपर स्पेशियलिटी में ओपीडी का पर्चा बनवाया और हृदय रोग विभाग में दिखाया।

हृदय रोग विभाग की टीम ने देखने के बाद मरीज को मेडिसिन में इलाज कराने की सलाह दी। इस पर परिजन दोबारा पर्चा बनवाने के लिए लाइन में लग गए। इस बीच
पुराने ओपीडी के पास चंदा दर्द से तड़पती रहीं, लेकिन डॉक्टरों ने भर्ती करना जरूरी नहीं समझा।

संदीप का आरोप है कि करीब दो से ढाई घंटे तक पर्चा बनवाने के लिए लाइन में लगे रहे। इसके बाद फिर से मेडिसिन ओपीडी से मेडिसिन इमरजेंसी और स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग भेज दिया गया। इस बीच मेडिसिन इमरजेंसी में पहुंचने पर फिर से कागजात बनवाने के लिए कहा गया। पर्ची बनवाकर जब तक लौटता, तब तक पत्नी की मौत चुकी थी।

मौत के बाद संदीप के साथ आए अन्य परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। अन्य तीमारदार भी डॉक्टर पर भड़क गए। संदीप का आरोप है कि इस पर जूनियर डॉक्टरों ने हाथापाई शुरू कर दी।

सांस लेने में हो रही थी तकलीफ
संदीप ने बताया कि पत्नी सात माह की गर्भवती थी। बृहस्पतिवार रात सांस लेने में तकलीफ हुई। साथ ही पेट में दर्द शुरू हो गया। इलाज के लिए सिद्धार्थनगर के जिला अस्पताल लेकर गए। जहां से डॉक्टरों ने शुक्रवार की सुबह बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर किया था

परिजन महिला को गंभीर हालत में लाए थे। महिला की सांस फूल रही थी। हृदय रोग विभाग की टीम ने नौ बजकर पांच मिनट पर इलाज कर स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग भेजा था। इसके बाद मेडिसिन वार्ड में भेज दिया गया। आईवीएफ के जरिए वह गर्भवती थी। पेट में जुड़वा बच्चे थे। इस वजह से स्थिति गंभीर हो गई थी। पर्चा बनवाने में दिक्कत की जानकारी नहीं है। डॉक्टरों ने इलाज के बाद ही मेडिसिन वार्ड में भेजा था। लापरवाही का आरोप गलत है। लिखित तौर पर कोई भी शिकायत नहीं मिली है।

  • डॉ. पवन प्रधान, प्रभारी प्राचार्य, बीआरडी मेडिकल कॉलेज
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