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यूपी बीजेपी में अभी नहीं थमा सियासी तूफान 13 और विधायक पाला बदलने की तैयारी में? जाने ..

दो भाजपा विधायकों के पाला बदलने से मध्य-यूपी और बुंदेलखंड में सियासी तूफान मचा है। टिकट कटने की चर्चाओं के बीच विधायकों की तगड़ी निगरानी हो रही है। सूत्रों के मुताबिक इस क्षेत्र के 20 विधायकों के टिकट कटने की चर्चा है, उनमें से 13 पाला बदलने की तैयारी में हैं। पार्टी इनकी हर गतिविधि की निगरानी कर रही है। इनके अलावा दो विधायक भगवती सागर, बिल्हौर व बृजेश प्रजापति, तिंदवारी पहले ही स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ जा चुके हैं। औरैया के विनय शाक्य की स्थिति अभी संशय में है।

भाजपा की राजनीति को लंबे समय से जानने वाले सूत्रों के मुताबिक कानपुर-बुंदेलखंड इलाके के 20 विधायकों के टिकट काटने की बात पूरी तरह सच नहीं है। यह अलग-अलग तरीकों से वायरल की गई सूचनाएं हैं। कुछ लोगों ने तो नाम के साथ सूची भी वायरल कर दी, पर यह गलत है। लेकिन कुछ विधायकों के टिकट कटेंगे, कुछ के क्षेत्र बदले जाएंगे, यह सच है। लिहाजा पहले से पार्टी में कमजोर स्थिति वाले विधायक वेट एंड वाच की स्थिति में है। इनमें 13 सपा के संपर्क में बताए जा रहे हैं। भाजपा के टिकट का ऐलान होने के बाद यह संख्या बढ़ सकती है। ऐसे विधायक उन बड़े चेहरों के संकेत का इंतजार कर रहे हैं, जिनके जरिए वह पिछले चुनाव में भाजपा में शामिल हुए थे। इनमें से कुछ स्वामी प्रसाद मौर्य तो कुछ सीधे सपा प्रमुख अखिलेश यादव के संपर्क में हैं।

दलबदल के हालात ऐसे बने
अलग-अलग कारणों से ऐसे हालात बने हैं। सबसे बड़ा कारण टिकट कटने की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि इस क्षेत्र के 20 विधायकों के टिकट कटने वाले हैं। इनमें दो की वजह उम्र हैं। वे भाजपा के तय मानक 75 वर्ष की सीमा पार कर रहे हैं। बाकी का कामकाज फीडबैक में खरा नहीं पाया गया। उनके टिकट कट सकते हैं। इनमें से ऐन वक्त पर पांच के क्षेत्र बदल कर असंतोष को नियंत्रित किया जा सकता है। बाकी 13 के टिकट खतरे में बताए जा रहे हैं। इन्हीं पर पार्टी निगाह रखे है। इनमें से कई दूसरे दलों से भाजपा में आकर जीते थे। स्वामी प्रसाद के इस्तीफे के बाद वे किसके संपर्क में हैं? कहां आ-जा रहे हैं? क्या कर सकते हैं? पुराने नेताओं और संघ की टीम के जरिए यह जानकारी ली जा रही है। इन विधायकों में सात मध्य उप्र और पांच बुंदेलखंड के हैं।

पलटवार कर सकती है भाजपा
सूत्रों का कहना है कि पार्टी मध्य उप्र व बुंदेलखंड से दो विधायक गंवाने वाली भाजपा इसी क्षेत्र में पलटवार कर सकती है। हालांकि इस क्षेत्र में सपा के महज पांच विधायक हैं। उन्हें अपने पाले में लाकर भाजपा हिसाब बराबर करना चाहेगी। इसे देखते हुए सपा खेमे में भी सक्रियता बढ़ी है।

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