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PM हमारे मन की बात भी सुने! ब्रजभूषण से बड़ा अपराधी कौन! उस को जेल……

दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों का धरना आठवें दिन भी जारी है. इस प्रदर्शन के दौरान पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने लिए इंसाफ की मांग उठाई है. इस विरोध प्रदर्शन में बजरंग पुनिया ने कहा, जब तक इंसाफ नहीं होगा, हमारी लड़ाई जारी रहेगी. पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा वो (फेडरेशन) इस आंदोलन को दूसरा रूप देना चाहते हैं. हमें कोर्ट पर पूरा भरोसा है. पहलवानों ने स्पष्ट किया, हम कोई कब्जा नहीं चाह रहे हैं.

पहलवान बजरंग पुनिया ने परिवारवाद के मुद्दे पर कहा, सारा परिवारवाद वहीं हो रहा है और आरोप हम पर लगा रहे हैं. उन्होंने कहा, किसी खिलाडी का क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है, बल्कि बृजभूषण का क्रिमनल रिकॉर्ड है.

‘कई राज्यों के खिलाड़ी कर रहे समर्थन’

वहीं विनेश फोगाट ने कहा, कानूनी प्रक्रिया पर हम कुछ नहीं कहेंगे? कई राज्यों से खिलाड़ी समर्थन कर रहे हैं. इसके अलावा विनेश फोगाट ने कहा कि प्रधानमंत्री हमारे मन की बात भी सुनें. करोड़ों लोग हमारे समर्थन में बैठे हैं, यही हमारी ताकत हैं. उन्होंने कहा कि हमें नॉलेज नहीं कि कितने सांसद और विधायक हैं.

‘प्रधानमंत्री हमारे मन की बात भी सुनें…’

विनेश फोगाट ने कहा कि प्रधानमंत्री हमारे मन की बात भी सुनें. करोड़ों लोग हमारे समर्थन में बैठे हैं, यही हमारी ताकत हैं. उन्होंने कहा कि हमें नॉलेज नहीं कि कितने सांसद और विधायक हैं.

बृजभूषण शरण सिंह पर साधा निशाना

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बजरंग पुनिया ने कहा, हमारी लड़ाई चुनाव के लिए नहीं है. उन्होंने WFI अध्यक्ष को लेकर कहा, बृजभूषण अब भी मुस्कुराते हुए बोल रहा है. ऐसे इंसान को मंच नहीं देना चाहिए. वे बोले, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार करना चाहिए.

बजरंग पुनिया ने कहा, WFI अध्यक्ष बृजभूषण ने कौन सा बड़ा काम किया जो उसे फूल माला पहनाई जा रही है. इससे बड़ा अपराधी हिंदुस्तान में कोई नहीं है.

बृजभूषण के खिलाफ FIR दर्ज

आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में दो प्राथमिकी (FIR) दर्ज की थीं. महिला पहलवानों से मिली शिकायतों के आधार पर कनॉट प्लेस थाने में दर्ज दो एफआईआर में गंभीर आरोप लगाए गए हैं. पहली प्राथमिकी एक नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है, जिसमें बाल यौन शोषण के खिलाफ कानून (पोक्सो) के तहत भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धाराएं जोड़ी गई हैं.

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