ट्विन टावर ध्वस्त होने के बाद इससे निकले धूलकण पांच किलोमीटर तक के इलाके को प्रभावित करेंगे। एक सप्ताह तक सांस रोगियों के साथ ही सामान्य लोगों की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सोमवार को हवा की गति की दिशा परिवर्तित होगी, जिससे धूलकण एक तरफ न रहकर आसपास के क्षेत्र में रहेंगे।
ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण के दौरान हवा की गति पश्चिम से पूरब की ओर थी और 12 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चल रही थी। इससे ध्वस्तीकरण से निकले धूल 4-5 किलोमीटर तक पहुंच गए। वायु प्रदूषण विशेषज्ञ सचिन कुमार ने बताया कि हमने सेक्टर-93 में एक वायु प्रदूषण मापक रियल टाइम मशीन लगाई थी।
नोएडा में भरभराकर गिरीं ‘भ्रष्टाचार की मीनार’, सुपरटेक के चेयरमैन बोले- ट्विन टावर गिराने से हमें 500 करोड़ का नुकसान
ध्वस्तीकरण से पहले फेज दो का एक्यूआई 40-45 था, जो बाद में यह 60-65 हो गया। वहीं, सेक्टर-93 में लगी मशीन बंद हो गई। बंद होने के बाद भी उसमें से आंकड़े निकलने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि ध्वस्तीकरण के लिए लगाए गए डायनामाइट से हानिकारक गैस और धूलकण निकले हैं। दोनों के मिलने से कंपोजिट ऑक्साइड बनेगा। फसल-पेड़ों को नुकसान संभव ध्वस्तीकरण से निकले धूलकण से आसपास के पार्क, ग्रीन बेल्ट सहित फसलों को नुकसान हो सकता है।
आधे किलोमीटर तक गुबार
ट्विन टावर ध्वस्तीकरण के बाद उठा गुबार आधे किलोमीटर तक फैला, जो वातावरण में मिल गया। इसका असर आने वाले दिनों में भी रहेगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि धूल और गैस का गुबार आधा किलोमीटर तक रहा, पर इससे वायु प्रदूषण कितना हुआ है। यह बाद में पता चल पाएगा