अब हैलो उत्तराखंड से गढ़वाली-जौनसारी में भी भेज सकते हैं संदेश

अब आप गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी में भी संदेश भेज सकते हैं। इसके लिए यह भी जरूरी नहीं कि ये बोलियां आपको बहुत अच्छे से आती हों। बस, मोबाइल पर ‘हैलो उत्तराखंड’ एप डाउनलोड करके मनपसंद भाषा में संदेश लिख लीजिए। यह एप उस संदेश का चंद पलों में गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी में अनुवाद कर देगा। यह एप तकरीबन 100 भाषाओं के शब्दों को गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी में बदल सकती है। यह एप मूल रूप से पौड़ी निवासी आइटी विशेषज्ञ आकाश शर्मा ने बनाया है।
अपनों से या किसी अंजान जगह पर वहां के लोगों से संवाद करने में स्थानीय बोली-भाषा ही सबसे कारगर होती है। इससे शब्दों को जरूरी भाव तो मिलते ही हैं, दिली जुड़ाव और प्रेम भी आसानी से प्रकट हो पाता है। शायद यही वजह रही कि देहरादून के रेसकोर्स निवासी आकाश ने इस एप को बनाने की जरूरत महसूस की। उनका बनाया एप ‘हैलो उत्तराखंड’ गढ़वाली, कुमाऊंनी, और जौनसारी शब्दों का अन्य भाषाओं में भी अनुवाद करता है। आकाश बताते हैं कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने में भी यह एप कारगर साबित होगा। देहात क्षेत्र में रह रहे लोग इस एप की मदद से आसानी से अपनी बात विदेशी पर्यटकों को समझा सकेंगे। आकाश ने बताया कि एप को फरवरी 2020 में बड़े स्तर पर लांच करने की तैयारी है।