हिमाचल प्रदेश में एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं ! बीजेपी ही नहीं कांग्रेस ने भी प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी आबादी से किया किनारा…

Himachal Pradesh Assembly Election 2022: निर्वाचन आयोग द्वारा हिमाचल प्रदेश में चुनाव की घोषणा के साथ ही बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी-आप सहित क्षेत्रीय दल भी सक्रिय हो गए हैं। वोटरों को लुभाने के लिए ‘मुफ्त’ योजना का जाल फेंका जा रहा है। तो दूसरी ओर, महिला वोटरों को आकर्षक स्कीम के जरिए कई राजनैतिक पार्टियां अपने पाले में खींचने की पूरी कोशिश करते हुए नजर आ रहीं हैं।

इसी के बीच, चौंकाने वाली बात यह है कि 68 विधानसभा सीटों वाले हिमाचल प्रदेश में बीजेपी, कांग्रेस सहित आप ने एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को चुनावी मैदान में नहीं उतारा है। हिमाचल प्रदेश के इतिहास में मुस्लिम मंत्री बनना तो दूर अभी तक कोई मुस्लिम विधायक भी नहीं चुना गया है।

हिमाचल का यह है जातीय समीकण
चाहे लोकसभा चुनाव हो, या फिर विधानसभा चुनाव की बात हो, मुस्लिम वोट बैंक पर सभी राजनैतिक पार्टियों की हमेशा से ही नजर बनी रहती है। लेकिन, हिमाचल में अभी तक कोई भी मुस्लिम विधायक नहीं बन पाया है। ऐसे में अब 2022 के विधानसभा चुनाव में भी मुस्लिम विधायक का चुना जाना संभव नहीं होगा।

ऐसा नहीं है कि हिमाचल प्रदेश में मुस्लिम आबादी नहीं है, लेकिन फिर भी राजनैतिक पार्टियां चुनाव में मुस्लिम वोटरों पर भरोसा करने से डरते हुए नजर आतीं हैं। राजनैतिक विश्लेषण की बात मानें तो छोटे-छोटे कस्बों में होने की वजह से राजनैतिक पार्टियां मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट देने से कतराती हैं।

2011 की जनगणना के अनुसार, हिमालच प्रदेश की कुल आबादी 68 लाख है, जिसमें 33.82 लाख महिलाएं हैं। हिमाचल में करीब डेढ़ लाख मुस्लिम आबादी है। हिमाचल प्रदेश में सबसे बड़ी जाति हिंदू ‘राजपूत’ हैं, जो कुल आबादी का 37 प्रतिशत है। जबकि, करीब 18 फीसदी ब्राहमण वोटर हैं। हैरानी वाली बात है कि सिख समुदाय की आबादी मुस्लिम आबादी से भी कम है। लेकिन, बावजूद इसके 2017 के विधानसभा चुनाव में एक सिख विधायक सदन तक पहुंचा था।

भाजपा-कांग्रेस सरकारों में नहीं रहे मुस्लिम जनप्रतिनिधि
हिमाचल प्रदेश में एक बार कांग्रेस, और दूसरी बार भाजपा की सरकार बनने का रिवाज चल रहा है। दोनों ही पार्टियां 2022 में जीत का दावा करते हुए नजर आ रहीं हैं, तो भाजपा का दावा है कि एक बार फिर बीजेपी की डबल इंजन सरकार बनेएगी। 2012, और 2017 के कांग्रेस, और भाजपा शासनकाल में एक भी मुस्लिम जनप्रतिनिध था।

महिला उम्मीदवारों पर भी नहीं भरोसा
महिला सशक्तिकरण की बात करने वाली भाजपा, कांग्रेस सहित आप की प्रत्याशियों की सूची में महिला उम्मीदवारों पर ज्यादा भरोसा नहीं दिखाया है। बीजेपी ने जहां छह महिला प्रत्याशियों को उम्मीदवार बनाया है तो दूसरी ओर, कांग्रेस की महिला प्रत्याशियों की संख्या काफी कम है।

कांग्रेस ने सिर्फ तीन महिला उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है। 68 सीटों वाली विधानसभा में 412 उम्मीदवार 2022 के विधानसभा चुनाव में अपने भाग्य अजमा रहे हैं, जिसमें कुल 24 महिला प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरीं हैं। आप की छह महिला प्रत्याशी हैं।

80 फीसदी से ज्यादा है साक्षरता दर
पर्वतीय राज्य होने के बावजूद भी हिमाचल प्रदेश की साक्षरता दर भी अच्छी है। 2011 की जनगणना के अनुसार, हिमाचल प्रदेश की साक्षरता दर 82.80 % है। पुरुषों की साक्षरात दर 89.53 % है, जबकि महिलाओं की साक्षरता दर थोड़ी कम 75.93 % है। हिमालच प्रदेश में कुल 5,039,736 लोग साक्षर हैं। हिमाचल प्रदेश का लिंगानुपात 909 है।

धर्म आबादी प्रतिशत
हिंदू 6,532,765 95.17 %
मुस्लिम 149,881 2.18 %
सिख 79,896 1.16 %
बौध 78,659 1.15 %
इसाई 2,646 0.18 %
जैन 1,805 0.03 %
अन्य 856 0.01 %

12 नंवबर को मतदान, और 08 दिसंबर को मतगणन
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गईं हैं। 68 विधानसभा सीटों के लिए 12 नवंबर को वोटर अपने मत का इस्तेमाल करने जा रहे हैं जबकि, 08 दिसंबर को मतगणना होनी तय है। मतदान को लेकर प्रशासन द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं है। शांतिपूर्ण, और निष्पक्ष विधानसभा चुनाव संपन्न कराने के लिए अतिरिक्त पुलिस फोस भी हिमाचल प्रदेश में भेजा जा रहा है।

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