कानपुर में दो इंजीनियरों की मौत के मामले में आरोपी डॉक्टर अनुष्का तिवारी ने 18 दिन फरार रहने के बाद आत्मसमर्पण कर दिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने एम्पायर क्लिनिक में हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान लापरवाही बरती, जिससे दो इंजीनियरों की जान चली गई।
फर्रुखाबाद के मयंक कटियार और पनकी पॉवर हाउस के इंजीनियर विनीत दुबे ने ₹50,000 में डॉ. अनुष्का तिवारी के क्लिनिक में हेयर ट्रांसप्लांट कराया था। सर्जरी के बाद मयंक को चेहरे पर सूजन, दृष्टि में धुंधलापन और सीने में दर्द की शिकायत हुई, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। विनीत दुबे की भी इसी प्रक्रिया के बाद मौत हो गई।
घटना के बाद डॉ. अनुष्का तिवारी और उनके पति फरार हो गए थे। पुलिस उनकी तलाश में थी और इस बीच उन्होंने अग्रिम जमानत की अर्जी भी दाखिल की थी। अब उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया है, जिससे कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि हेयर ट्रांसप्लांट एक संवेदनशील प्रक्रिया है, जिसे केवल योग्य और अनुभवी डॉक्टरों द्वारा ही किया जाना चाहिए। गलत तकनीक, संक्रमण और अयोग्य चिकित्सकों के कारण गंभीर परिणाम हो सकते हैं इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखें।
सर्जरी से पहले डॉक्टर की योग्यता और अनुभव की जांच करें।
क्लिनिक की स्वच्छता और उपकरणों की स्थिति का निरीक्षण करें।
सर्जरी के बाद किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
यह घटना चिकित्सा क्षेत्र में लापरवाही के गंभीर परिणामों की ओर इशारा करती है और मरीजों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।