पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कनाडा में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन को बीच में छोड़ दिया और इज़राइल-ईरान संघर्ष के बढ़ते तनाव के कारण वाशिंगटन लौट आए। उन्होंने तेहरान के नागरिकों से तत्काल शहर छोड़ने की अपील की और ईरान से परमाणु वार्ता फिर से शुरू करने की मांग की। ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी कि यदि उसने समझौते की पेशकश स्वीकार नहीं की, तो इज़राइल के हमले और भी “विनाशकारी और घातक” हो सकते हैं।
इससे पहले, इज़राइल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाते हुए कई हवाई हमले किए थे, जिनमें तेहरान की राज्य टेलीविजन बिल्डिंग भी शामिल थी। इन हमलों में 224 ईरानी और 24 इज़राइली नागरिकों की मौत हो गई। ईरान ने इन हमलों की कड़ी निंदा की है और कहा है कि यह परमाणु वार्ता के लिए हानिकारक है।
ट्रंप ने पहले कहा था कि ईरान के साथ एक परमाणु समझौता संभव है, लेकिन अब उन्होंने तेहरान से तत्काल वार्ता शुरू करने की मांग की है। उन्होंने ईरान को चेतावनी दी है कि यदि उसने समझौते की पेशकश स्वीकार नहीं की, तो इज़राइल के हमले और भी “विनाशकारी और घातक” हो सकते हैं।
इस बीच, इज़राइल ने तेहरान में मीडिया और सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाते हुए हवाई हमले तेज़ कर दिए हैं, जिससे नागरिकों की मौतें हो रही हैं और अस्पतालों पर दबाव बढ़ रहा है। ईरान ने इन हमलों की कड़ी निंदा की है और कहा है कि यह परमाणु वार्ता के लिए हानिकारक है।
ट्रंप ने पहले कहा था कि ईरान के साथ एक परमाणु समझौता संभव है, लेकिन अब उन्होंने तेहरान से तत्काल वार्ता शुरू करने की मांग की है। उन्होंने ईरान को चेतावनी दी है कि यदि उसने समझौते की पेशकश स्वीकार नहीं की, तो इज़राइल के हमले और भी “विनाशकारी और घातक” हो सकते हैं।