- कर्नाटक में बेंगलुरु के प्रेस क्लब में सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई,
- जहां कांग्रेस के एक नेता मीडिया से बात कर रहे थे.
- इसी दौरान अचानक वह बहोश हो गए और जमीन पर गिर पड़े.
- बताया जा रहा है कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा था,
- लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई.
कांग्रेस के एक नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे तभी उन्हें कार्डिएक अरेस्ट हुआ और कैमरे के सामने ही उन्होंने दम तोड़ दिया. बेंगलुरु प्रेस क्लब में सोमवार को जब कार्डिएक अरेस्ट आया, उस समय कर्नाटक कांग्रेस के नेता सीके रविचंद्रन ही बोल रहे थे.
उनके एक हाथ में माइक और दूसरे हाथ में कागज था. बोलते-बोलते अचानक वह कुछ सेकेंड के लिए रुके. उन्हें ऐसा झटका लगा. कोई कुछ समझ पाता तब तक वह कुर्सी से आगे की ओर गिर पड़े. यह सब सेकेंडों में हुआ और कैमरे के सामने कांग्रेस नेता की मौत हो गई.
कौन थे सीके रविचंद्रन
उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक मौत हो चुकी थी. प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है और लोग एक बार फिर इस तरह मौत की बढ़ी घटनाओं से सहम गए हैं. सीके रविचंद्रन बेंगलुरु कांग्रेस के तेजतर्रार नेता थे. वह कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक संघ के सदस्य भी थे. सीएम सिद्धारमैया ने रविचंद्रन के निधन पर दुख व्यक्त किया है.
कल सीके रविचंद्रन कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत के उस फैसले का विरोध कर रहे थे जिसके तहत उन्होंने सीएम सिद्दारमैया के खिलाफ मुकदमे को मंजूरी दे दी है.
बाद में कर्नाटक के मुख्यमंत्री हाई कोर्ट पहुंच गए. उन्होंने एक रिट याचिका दायर कर मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण मामले में उनके खिलाफ मुकदमे को मंजूरी देने से संबंधित आदेश को चुनौती दी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आदेश बिना सोचे-समझे, वैधानिक आदेशों का उल्लंघन करते हुए और मंत्रिपरिषद की सलाह समेत भारत के संविधान के अनुच्छेद 163 के तहत बाध्यकारी संवैधानिक सिद्धांतों के उलट जारी किया गया है. भाजपा नेताओं ने भी कल मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
कर्नाटक में कल कांग्रेस पार्टी ने पूरे राज्य में प्रदर्शन भी किया. इसी के तहत रविचंद्रन बेंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे और उनकी जान चली गई.
कर्नाटक हाई कोर्ट ने सोमवार को विशेष एमपी/एमएलए अदालत को निर्देश दिया कि वह मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण भूमि आवंटन ‘घोटाले’ में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ शिकायतों की सुनवाई 29 अगस्त तक के लिए टाल दे. हाई कोर्ट में इस मामले पर अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी