नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री ने सोमवार को यह ट्वीट कर सोशल मीडिया में हलचल पैदा कर दी, ‘‘सोच रहा हूं कि इस रविवार को फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम एवं यू-ट्यूब पर अपना सोशल मीडिया अकाऊंट बंद कर दूं।’’ कहा जा रहा है कि यह इस बात का संकेत है कि वह दिल्ली में दंगों और उसके बाद विदेशी मीडिया की कवरेज से व्यथित हैं।
सोशल मीडिया में एकतरफा वर्जन ट्रैंड कर रहा था। मोदी ने हालात की खुद निगरानी की। भाजपा के शीर्ष नेता यह महसूस करते हैं कि मोदी ऐसे फैसले अचानक ही लेते हैं और नकारात्मक प्रचार को सकारात्मक में बदलने में सक्षम हैं।
मोदी ने इस बारे में अपने शीर्ष सहयोगियों जैसे कि अमित शाह और राजनाथ सिंह से विचार-विमर्श नहीं किया। यह उनका निजी फैसला था और इसे उनके सोशल मीडिया टीम मैनेजर्स के पास गुपचुप रूप से पहुंचा दिया गया। सोमवार को 3 बजे के करीब मोदी ने अपने करीबी को इस बारे में बता दिया। मोदी के पास उनका खुद का सोशल मीडिया प्लेटफार्म हो सकता है।
जैसे 2019 में लोकसभा चुनावों के दौरान मोदी द्वारा नमो टी.वी. लांच किया गया था। जैसे रुपए प्लेटफार्म भीम एप लांच किया गया था। मोदी सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर और फेसबुक का भारतीय वर्जन चाहते हैं।
मोदी का 20 शब्दों वाला ट्वीट उस समय आया जब टी.वी. डिबेट का प्राइम टाइम होता है, इसने पूरी कहानी को ही बदल दिया। अधिकतर टी.वी.चैनलों पर मोदी के ट्वीट पर चर्चा होने लगी। टी.वी. चैनलों के लिए जो डिबेट निर्धारित की गई थी उसे रोकना पड़ा।
सोशल मीडिया को लेकर मोदी की घोषणा ने टी.वी. प्रोड्यूूसर और एंकर को हैरान कर दिया। इससे पहले मोदी ने केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों से मुलाकात की। जो फीडबैक उन्होंने दिया वह नकारात्मक था। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली दंगों को लेकर बहुसंख्यक समुदाय को भी विश्वास में नहीं ले सकते।