- धर्मांतरण मामले में उत्तर प्रदेश ATS ने मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है.
- मौलाना कलीम सिद्दीकी ग्लोबल पीस सेंटर के अध्यक्ष हैं और जमीयत-ए-वलीउल्लाह के भी अध्यक्ष हैं.
- उनको मेरठ से गिरफ्तार किया गया है.
- बता दें कि इस मामले में मुफ्ती काजी और उमर गौतम की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है.
- दोनों से कलीम सिद्दीकी के लिंक भी बताए जा रहे हैं
- और यह भी आरोप लगा है कि विदेश से करोड़ों रुपये मौलाना कलीम सिद्दीकी के खाते में आए थे.
लखनऊ: यूपी एटीएस ने मुजफ्फरनगर निवासी मशहूर इस्लामिक स्कॉलर मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है. उन पर दो गंभीर आरोप लगाए गए है। जिसमें उन्हें सबसे बड़ा धर्मांतरणकर्ता बताया गया हैं। मौलाना के खिलाफ एक और आरोप यह है कि वह जामिया इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट चलाते हैं, जो कई मदरसों को फंड मुहैया कराता है, जिसके लिए उन्हें बड़ी विदेशी फंडिंग मिलती है।
उत्तर प्रदेश के एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि जांच से पता चला है कि मौलाना कलीम सिद्दीकी के ट्रस्ट को बहरीन से 1.5 करोड़ रुपये मिले थे, जिसमें 3 करोड़ रुपये विदेशी फंडिंग में शामिल थे। मामले की जांच के लिए एटीएस की छह टीमों का गठन किया गया है।


उत्तर प्रदेश ATS की तरफ से इसपर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की गई. इसमें बताया गया कि मौलाना कलीम सिद्दीकी पर हवाला के जरिए अवैध धर्मांतरण के लिए फंडिंग जुटाने का आरोप है. आरोपी मौलाना को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया गया है.
मौलाना कलीम यूट्यूब के जरिए भी लोगों को धर्मांतरण करने और धर्मांतरण के रैकेट में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहा था. इन्होंने ही अभिनेत्री सना खान का निकाह भी कराया था.
मौलाना कलीम सिद्दीकी पर आरोप है कि वह लालच देकर लोगों को धर्मांतरण के लिए उकसाते थे. वह अपना ट्रस्ट चलाने के साथ तमाम मदरसों को भी फंडिंग करते थे. मौलाना कलीम को विदेशों से भारी धनराशि हवाला और अवैध तरीके से भेजी जाती थी. उमर गौतम और मुफ्ती काजी से उसके लिंक जुड़े हैं. यूपी एटीएस के मुताबिक, मौलाना कलीम सिद्दीकी के खाते में 1.5 करोड़ रुपये बहरीन से आए थे. उनके अकाउंट में कुल 3 करोड़ रुपये आए थे.