मणिपुर: सेना के पूर्व सूबेदार का बयान! मेरे सामने मेरी पत्नी को नंगा कर जला दिया जंगलों में भटकता फिरा! देश की रक्षा की पर पत्नी की …..

मणिपुर हिंसा के 80 दिन हो गए हैं. तब से लगभग हर रोज राज्य में हिंसा से जुड़ी खबरें आ रही हैं. चार दिन पहले दो महिलाओं के साथ हैवानियत का वीडियो आने से पूरे देश का खून खौल उठा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर दुख जताया और दोषियों को सख्त सजा दिलाने का आश्वासन दिया. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर राजनीति भी जारी है. इस बीच, हॉरर वीडियो पीड़िता के परिजन ने आजतक से बातचीत की है.

घटना 4 मई की है. पति ने पूरे घटनाक्रम की सिलसिलेवार जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि वो असम रेजिमेंट में सूबेदार रहे हैं. पति ने बताया कि कैसे पुलिस के सामने उनके घर पर हमला हुआ. उनके सामने उनकी पत्नी के भीड़ ने कपड़े फाड़ दिए. लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी खड़ी रही. पति कहते हैं कि वो भारतीय सेना का हिस्सा रहे हैं. कारगिल युद्ध के दौरान देश के लिए लड़े. रिटायरमेंट के बाद गांव आया. वो कहते हैं कि मैंने देश की रक्षा की, लेकिन दुख इस बात का है कि अपना घर, अपनी पत्नी और साथी ग्रामीणों की रक्षा नहीं कर पाया… मैं दुखी और उदास हूं.

मैंने अपने देश को तो बचा लिया, लेकिन..

पति का कहना था कि मैंने करगिल युद्ध में देश को बचा लिया, लेकिन अपने परिवार को नहीं बचा सका. पति कहते हैं कि उनके गांव में तनाव की शुरुआत 3 मई को हुई. हम पुलिस के पास पहुंचे लेकिन उन्होंने मदद नहीं की. 4 मई को हजारों की संख्या में लोग जुटे. उनके हाथों में हथियार थे. ये लोग हमारे गांव आए और घरों में आग लगा दी. हम तीन परिवार एक झाड़ी के नीचे छुपे हुए थे.

‘मैंने विरोध किया तो जान से मारने की धमकी दी’

वो कहते हैं कि लूटपाट के बाद उन्होंने हमें ढूंढ लिया. वे मेरी पत्नी और एक अन्य लड़की को अपने साथ ले गए. उन्होंने हमारे सामने अपने कपड़े उतार दिए. जैसे ही एक पीड़िता के पिता और भाई ने उसे बचाने की कोशिश की तो उन्होंने दोनों को मार डाला. फिर उन्होंने मेरी आंखों के सामने मेरी पत्नी और उस दूसरी लड़की को निर्वस्त्र कर दिया. मैं कुछ नहीं कर पाया. जिंदगी में इतनी बेबसी कभी नहीं देखी. भीड़ में शामिल लोगों ने मेरी पत्नी और दूसरी लड़की की परेड शुरू कर दी. गांव वालों के सामने दोनों महिलाओं को पगडंडियों से लेकर घुमाते रहे. जब हमने अपनी पत्नी को बचाने की कोशिश की तो उन्होंने हमें जान से मारने की धमकी दी. मुझसे और लड़की के पिता-भाई से लोगों ने कहा कि मरना नहीं चाहते हो तो यहां से भाग जाओ.

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