महिला संवाद: दीदियों की आवाज, बदलाव की बुनियाद

बांका जिले में महिलाओं की भागीदारी को सशक्त करने और उनकी आकांक्षाओं को प्राथमिकता देने हेतु महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन निरंतर किया जा रहा है। शनिवार, 10 मई को जिले के 11 प्रखंडों के 28 ग्राम संगठनों में महिला संवाद आयोजित किया गया, जिसमें सैकड़ों महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपने गाँव-टोलों से जुड़ी समस्याओं और सुझावों को खुलकर साझा किया।
अब तक 658 ग्राम संगठनों में महिला संवाद आयोजित किए जा चुके हैं, जिसमें करीब 1,60,000 दीदियों की सक्रिय भागीदारी रही है। इन संवादों में महिलाओं ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, वृद्धा पेंशन, सिंचाई, सड़क, स्वच्छता, सुरक्षा, आजीविका, और सरकारी योजनाओं की जानकारी व उनके क्रियान्वयन से जुड़े मुद्दों पर खुलकर चर्चा की।
कार्यक्रम का मूल उद्देश्य महिलाओं को सरकारी योजनाओं की सटीक जानकारी देना, गाँव स्तर की समस्याओं को प्राथमिकता के साथ चिन्हित करना, और इन आकांक्षाओं को एकत्र कर संबंधित विभागों को समाधान के लिए भेजना है।
संवाद के दौरान महिलाओं को सतत जीविकोपार्जन योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, मुख्यमंत्री पोशाक योजना, बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, अक्षर अंचल योजना, महिला आरक्षण और नशामुक्ति अभियान जैसी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त ऑडियो-वीडियो माध्यम से जानकारी साझा की गई तथा मुख्यमंत्री का संदेश-पत्र और सूचनात्मक लीफलेट्स भी वितरित किए गए।
महिलाओं ने सामूहिक रूप से स्कूल निर्माण, नाला निर्माण, सोलर लाइट, पुस्तकालय, वृद्धा पेंशन में बढ़ोतरी, बैंक से ऋण की आसान उपलब्धता, ब्याज दर में कमी और जीविका भवन निर्माण जैसे स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता से उठाया।
महिला संवाद न केवल जागरूकता का माध्यम बन रहा है, बल्कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग और आत्मनिर्भर भी बना रहा है। जीविका से जुड़ी महिलाएं आज सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं और परिवर्तन की मिसाल बन रही हैं। मनोरंजन प्रसाद, ब्यूरो चीफ, बांका।

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