झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमिटी की प्रवक्ता आभा सिन्हा का बयान जाने मोदी सरकार को लेकर कहा……

राँची : रिश्वत और मिलीभगत को दफनाने के लिए ऑपरेशन कवर-अप एक बार फिर उजागर हो गया है।भाजपा सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का बलिदान दिया है,भारतीय वायु सेना के हितों को खतरे में डालकर देश के खजाने को हजारों करोड़ का नुकसान पहुंचाया गया है।पिछले 5 वर्षों से संदिग्ध राफेल डील मामले में प्रत्येक आरोप और पहेली का प्रत्येक टुकड़ा मोदी सरकार में बैठे सत्ता के उच्चतम स्तर तक के लोगों तक जाता है।ऑपरेशन कवर-अप में नवीनतम खुलासे से राफेल भ्रष्टाचार को दफनाने के लिए मोदीसरकार-सीबीआई-ईडी के बीच संदिग्ध सांठगांठ का पता चला है।मोदी सरकार और सीबीआई ने पिछले 36 महीनों से कमीशन और भ्रष्टाचार के सबूतों पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की?इस मामले को क्यों दफनाया गया?मोदी सरकार ने मध्यरात्रि तख्तापलट में सीबीआई प्रमुख को क्यों हटाया?क्या मोदी सरकार जवाब देगी कि हम भारत में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के बिना उन्हीं 36 विमानों के लिए रू.41,205 करोड़ अतिरिक्त क्यों दे रहे हैं? किसने पैसा कमाया और कितनी रिश्वत दी?जब 126 विमानों का लाइव अंतर्राष्ट्रीय टेंडर था तो पीएम एकतरफा 36 विमान ‘ऑफ द शेल्फ’ कैसे खरीद सकते थे?क्या यह सही नहीं है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 26.03.2019 की छापेमारी में बिचौलियों से गुप्ता रक्षा मंत्रालय के दस्तावेज बरामद किए है,जिनमें ‘‘बेंचमार्क मूल्य दस्तावेज 10.08.2015,रक्षा मंत्रालय के आईएनटी द्वारा चर्चाओं का रिकॉर्ड,रक्षा मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा की गयी गणना की एक्सेल सीट, यूरोफाईटर का भारत सरकार को 20 प्रतिशत की छूट का काउंटर ऑफर एवं 24 जून 2014 का एक नोट,सुशेन गुप्ता द्वारा डसॉल्ट को भेजा गया,जिसमें ‘द पॉलिटिकल हाईकमान’के साथ बैठक की पेशकश की गयी थी, आदि शामिल है।क्या मोदी सरकार में हाईकमान के साथ ऐसी बैठकें हुई थी?यह राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने,देशद्रोह और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के घोर उल्लंघन से कम नहीं है।ईडी ने घोटाले की जांच के लिए इन सबूतों को आगे क्यों नहीं बढ़ाया?तब मोदी सरकार ने दस्तावेजों को लीक करने वाले राजनीतिक कार्यकारी या रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों डसॉल्ट के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की?भारत के राष्ट्रीय रहस्य किस चौकीदार ने बेचे?इसका जवाब जनता जानना चाहती है।श्रीमती सिन्हा ने मोदी सरकार से पूछा है कि भारतीय वायु सेना से परामर्श किए बना राफेल विमानों की संख्या को 126 से घटाकर 36 कैसे व क्यों कर दिया गया? भारत को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और एचएएल द्वारा राफेल के निर्माण से इनकार क्यों किया गया?भ्रष्टाचार विरोधी खंड को क्यों निरस्त कर दिया जो रक्षा खरीद प्रक्रिया के अनुसार किसी भी निविदा के लिए एक पूर्व आवश्यकता है और यूपीए द्वारा जारी निविदा का हिस्सा था? राफेल घोटाले में अपनी भूमिका की जांच के आदेश न देकर उन्होंने सुशेन गुप्ता की रक्षा क्यों की,इन सारे सवालों को जवाब देश की जनता जानना चाहती है, जो उनका हक है।

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