नई दिल्ली। हरियाणा, पंजाब और अन्य राज्यों के हजारों किसान कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का आंदोलन तेज होता जा रहा है, और इसे बड़ी संख्या में लोगों का समर्थन मिल रहा है। इस बीच, अब प्रशासनिक अधिकारी भी किसान आंदोलन के समर्थन में सामने आ रहे हैं। इसी संदर्भ में, पंजाब के डीआईजी-जेल लखमिंदर सिंह जाखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा, “मैंने सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं, इसलिए मुझे नहीं लगता कि इस पर कोई समस्या होगी।” उन्होंने यह भी कहा कि वे अपने नोटिस पीरियड का तीन महीने का वेतन और बाकी एरियर जमा करने के लिए तैयार हैं ताकि उन्हें जल्दी से कार्यमुक्त किया जा सके।
अपने इस्तीफे की घोषणा में लखमिंदर सिंह जाखड़ ने कहा, “मैं पहले एक किसान हूं और पुलिस अधिकारी बाद में। आज जो भी पद मुझे मिला है, वह इसलिए है क्योंकि मेरे पिता ने एक किसान के रूप में खेतों में काम किया और मुझे पढ़ाया-लिखाया। इसलिए मेरी सारी पहचान किसानी से जुड़ी हुई है।” लखमिंदर सिंह जाखड़ 1989 से 1994 तक शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत 14 पंजाब (नाभा अकाल) रेजिमेंट के कैप्टन रहे थे।
इससे पहले, अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने भी कृषि कानूनों के विरोध में अपना पद्म विभूषण पुरस्कार वापस कर दिया था। इसके अलावा, शिरोमणि अकाली दल (लोकतांत्रिक) के नेता सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी किसानों के समर्थन में अपना पद्म विभूषण पुरस्कार वापस करने का ऐलान किया था।
इससे पहले, पंजाब के कृषि वैज्ञानिक और कृषि विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. वीरेंद्र पाल सिंह ने केंद्र सरकार से अवॉर्ड लेने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा कि उनका जमीर उन्हें किसानों और उनकी मांगों के समर्थन में ऐसा करने की अनुमति नहीं देता।