
पहली बार उत्तराखंड राज्य में लंपी स्किन डिजीज (एलएसडी) वायरस का मामला सामने आया है। 2012 में यह वायरस पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में देखने को मिला था। काशीपुर ब्लॉक के एक फार्म में 13 गाय-भैंसों में लक्षण मिलने पर सैंपल जांच के लिए भेजे थे, जिनमें चार गायों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिले के पशुपालकों को अलर्ट कर दिया गया है ।
पशुपालन विभाग के अनुसार पशुओं में वायरस आने पर उनके शरीर में जगह-जगह गांठें बन जातीं हैं। पशुओं को तेज बुखार हो जाता है। इसके चलते पशु चारा खाना भी छोड़ देते हैं। यह वायरस पशुओं में मक्खी, मच्छर, पशु से पशु का संपर्क, पशुलार आदि से तेजी से फैलता है। यह वायरस पशुओं की वायरल बीमारी है, जो मनुष्य में नहीं फैलती है। इसके साथ ही इस वायरस से पशु मृत्यु दर बहुत कम है लेकिन पशुओं में दुग्ध उत्पादन कम हो जाता है। काशीपुर ब्लॉक के एक फार्म में 13 गाय-भैंसों में लक्षण पाए जाने पर उनके सैंपल जांच के लिए बरेली आवीआरआई भेजे गए थे। मंगलवार को आई रिपोर्ट में चार गायों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। हालांकि पशुपालकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. गोपाल सिंह धामी ने बताया की एलएसडी के मामले राज्य में पहली बार देखने को मिले हैं। उन्होंने कहा की घबराने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि ऐसे लक्षण दिखने पर पशु चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए और उपचार करवाना चाहिए। यह भी बताया की इससे मानव को कोई नुकसान नहीं पहुँचता है।