आज लंदन में किंग चाल 700 साल पुराने सिहासन पर बैठेंगे! होगी ताजपोशी दुनिया भर के 160 देशों से ….

बस कुछ घंटे और फिर ब्रिटेन को किंग चार्ल्स तृतीय के रूप में अपना नया सम्राट मिल जाएगा. हालांकि चार्ल्स तृतीय पहले ही औपचारिक तौर पर किंग घोषित किए जा चुके हैं, लेकिन ब्रिटेन तकरीबन 70 साल बाद एक बार फिर शाही ताजपोशी का गवाह बनने जा रहा है और इस मौके पर किंग चार्ल्स तृतीय एक धार्मिक और रीति-रिवाजों से भरी प्रक्रिया के तहत सम्राट घोषित किए जाएंगे. जहां उनके लिए मौजूद जनसमुदाय (बेशक, इसके लिए खास तौर पर खास लोगों को आमंत्रण भेजा गया है) ‘ईश्वर सम्राट की रक्षा करें’ का बुलंद नारा लगाएंगे. एक अनुमान के तहत ब्रिटेन के नए सम्राट की ऐतिहासिक ताजपोशी के लिए दुनिया भर के 100 राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों को आमंत्रण भेजा गया है. भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी इनमें से एक हैं.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शुक्रवार को लंदन पहुंचे
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और अपनी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ किंग चार्ल्स तृतीय के राज्याभिषेक समारोह में शामिल होने के लिए शुक्रवार को लंदन पहुंचे हैं. यहां उपराष्ट्रपति का बकिंघम पैलेस में आयोजित एक समारोह में स्वागत किया गया. इसके साथ ही उन्होंने लंदन में होने वाले राज्याभिषेक समारोह से पहले किंग चार्ल्स तृतीय से मुलाकात भी की है. इस मुलाकात को लेकर उपराष्ट्रपति के ट्विटर हैंडिल से जानकारी शेयर की गई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के मुताबिक ‘उपराष्ट्रपति ने राज्याभिषेक के अवसर पर (किंग चार्ल्स तृतीय को) बधाई दी और भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई.’ बागची ने उपराष्ट्रपति धनखड़ और किंग चार्ल्स की कुछ तस्वीरें भी शेयर की हैं. तस्वीरों में उपराष्ट्रपति और किंग चार्ल्स हाथ मिलाते और बातचीत करते नजर आ रहे हैं.

आज होने वाला है सम्राट का शाही अभिषेक
ब्रिटेन के सम्राट चार्ल्स का राजतिलक छह मई 2023 यानी शनिवार को होने वाला है. लंदन के ऐतिहासिक शाही चर्च वेस्टमिंस्टर एबे इस पूरी शाही ताजपोशी को धार्मिक प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाएगा. समारोह के दौरान सम्राट चार्ल्स और उनकी पत्नी महारानी कैमिला की ताजपोशी की जाएगी और इस कार्यक्रम ख़ुफ़िया नाम ‘ऑपरेशन गोल्डेन ऑर्ब’ रखा गया है. शाही ताजपोशी लंदन के स्थानीय समय के मुताबिक़ सुबह 11 बजे से शुरू होगी. सम्राट का शाही जुलूस इससे थोड़ी देर पहले ही वेस्टमिंस्टर एबे पहुंचेगा.

सामने होती दिखेंगी परीकथाओं सरीखी रस्में
ब्रिटेन की आधुनिक आवाम के सामने यह पहला मौका है, जब वह मॉर्डन एज में कई सदियों पुरानी परंपराओं को अपने सामने उतने ही जीवंत रूप में देखने वाली है, जितना की राजाओं-महाराजों, सम्राटों और परीकथाओं सरीखी कहानियों में उनका जिक्र होता है. एक शाही आसन के सामने खड़ा राजा, उसके ऊपर अभिमंत्रित जल-तेल का छिड़काव, कुछ शाही लेप लगाना और फिर हीरे-मोती जड़ा सोने का मुकुट पहनाया जाना. विश्व के तमाम देश, जहां अब लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत शासन व्यवस्था चला रहा हैं, लंदन की शाही चर्च में होने वाली शाही ताजपोशी वाकई में खास है. ये खास इसलिए भी है, क्योंकि इसमें सदियों और सालों पुरानी शाही वस्तुओं कई प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए सामने आएंगी.

सबसे अहम है सिंहासन, 700 साल पुरानी शाही कुर्सी
इन सभी में सबसे अहम है शाही सिंहासन, ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय शनिवार को यहां एबे वेस्टमिंस्टर में होने वाले अपने ऐतिहासिक राज्याभिषेक के दौरान उस गद्दी पर बैठेंगे, जिस पर 86 वर्ष पहले उनके नाना जॉर्ज-षष्टम ताजपोशी के समय बैठे थे. शाही परंपरा के अनुसार ताजपोशी के समय कई स्टेप होते हैं और इस दौरान अलग-अलग पारंपरिक गद्दियों और सिंहासनों का उपयोग किया जाता है. राज्याभिषेक के दौरान महाराजा चार्ल्स और उनकी पत्नी महारानी कैमिला अलग-अलग क्षणों में ‘सेंट एडवर्ड्स चेयर’, ‘चेयर्स ऑफ स्टेट’ और ‘थ्रोन चेयर्स’ पर बैठेंगे.

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