मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद आप सहित गठबंधन की सियासी हलचल बढ़ गई है। आप के स्टार प्रचारक केजरीवाल के जेल से बाहर निकलने पर गठबंधन के चुनावी प्रचार को धार मिल सकती है। इस दिशा में रणनीति तैयार करने का काम भी शुरू हो गया है। इसमें अभी तक के अभियान में बड़ा बदलाव होगा। जेल से रिहाई को आप की बड़ी जीत बताते हुए पार्टी प्रचार अभियान को आगे बढ़ाएगी। शुक्रवार शाम तिहाड़ जेल के सामने इसका नजारा भी दिखाई पड़ा। बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के पहुंचने से अंतरिम जमानत पर रिहाई को आप ने शक्ति प्रदर्शन में तब्दील कर दिया। वहीं, पार्टी कार्यालय ने लेकर मुख्यमंत्री आवास तक जश्न मनाया गया।
21 मार्च को केजरीवाल के जेल जाने के बाद से आप का चुनावी अभियान धीमा पड़ा था। इस बीच आप का सारा ध्यान केजरीवाल की रिहाई और ईडी को कठघरे में खड़ा करने पर रहा। मुख्यमंत्री की गैर-मौजूदगी में पत्नी सुनीता केजरीवाल को मैदान में उतरना पड़ा और दिल्ली से लेकर गुजरात तक उन्होंने रोड शो किया, लेकिन पहली बार राजनीति में उतरी सुनीता की मौजूदगी के बावजूद भी अभियान ज्यादा आक्रामक नहीं हो सका।
दिल्ली समेत दूसरे राज्यों में वे भावनात्मक तौर से अपने अभियान को आगे बढ़ाती रहीं। अब केजरीवाल के बाहर निकलने से अभियान में तेजी लाने की आप समर्थकों को उम्मीद है। आक्रामक शैली के लिए मशहूर केजरीवाल के हाथ में अभियान होने से माना जा रहा है कि चुनाव अब जोर पकड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट से लगाई गई बंदिशों के बीच वे अभियान को आगे बढ़ाएंगे। साथ में जरूरत के हिसाब से रणनीति भी बदलेगी। पार्टी रणनीतिकारों का मानना है कि चुनाव में अब समय कम है। ऐसे में बड़ी रैलियां कम होंगी। इसकी जगह लोगों से सीधा जुड़ने के लिए रोड शो पर ज्यादा जोर रहेगा। केजरीवाल जहां भी होंगे, ज्यादा से ज्यादा लोगों तक सीधा पहुंचने की कोशिश करेंगे। दिल्ली के अलावा पंजाब व हरियाणा में रोड शो पर जोर रहेगा।