कैराना: महंगाई के दौर में शिक्षा का बोझ! अभिभावकों पर पड़ रही महंगी शिक्षा की मार…..

कैराना मे प्राइवेट स्कूलों की मन मानी के चलते अभिभावकों पर बढ़ा रहा शिक्षा का बोझ, आज के समय में शिक्षा महंगे सपनों से कम नहीं रह गई है। विशेषकर जब बात बच्चों की हो, तो अभिभावकों की चिंताएँ कई गुना बढ़ जाती हैं। हाल ही में एक सर्वे से पता चला है कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए आवश्यक किताबों की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए शिक्षा का खर्च उठाना संभव नहीं रह गया है।

महंगाई के इस दौर में अभिभावकों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि वे अपने बच्चों की शिक्षा को कैसे प्रभावी ढंग से पूरा कर पाएँगे। एक तरफ, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा की आवश्यकता महसूस की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ किताबों की कीमतें इस जरूरत को पूरा करने में रुकावट डाल रही हैं। कई स्कूलों ने अपने विद्यार्थियों के लिए नए पाठ्यक्रम लागू किए हैं, जिनकी किताबों की कीमतें पहले से कहीं अधिक बढ़ गई हैं।

अधिकांश अभिभावक यह महसूस कर रहे हैं कि स्कूल प्रशासन और प्रबंधन को इस गंभीर समस्या पर ध्यान देने की आवश्यकता है। एक अभिभावक ने कहा, “हमारे बच्चे की शिक्षा बहुत जरूरी है, लेकिन किताबों की exorbitant कीमतें हमें परेशान कर रही हैं। अगर इस तरह चलता रहा तो हमें अपने बच्चे को स्कूल से बाहर निकालना पड़ेगा।”

अभिभावकों का यह भी कहना है कि स्कूलों को इस समस्या का समाधान खोजना चाहिए। कुछ सुझाव दिए गए हैं, जैसे कि पाठ्यपुस्तकों के लिए साझेदारी में खरीदारी, या पुराने पाठ्यक्रम के तहत किताबों का पुनर्चक्रण करना, जिससे छात्रों को अच्छी गुणवत्ता की किताबें सस्ती दर पर मिल सकें।

इस मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि शिक्षा का अधिकार हर बच्चे का है। अगर अभिभावकों के लिए शिक्षा की किताबें खरीदना इतना मुश्किल हो जाएगा, तो यह केवल छात्रों की नहीं, देश के भविष्य की भी चिंता का विषय है। सरकार और शिक्षा नीति बनाने वालों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि हर बच्चे को समान और सस्ती शिक्षा मिल सके।

अंततः, इस महंगाई के दौर में अभिभावकों की चिंता को ध्यान में रखते हुए जरूरी है कि हम शिक्षा प्रणाली की खामियों को समझें और उचित समाधान खोजें, ताकि सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।

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