झालावाड़ से ब्यूरो चीफ आसिफ शेरवानी की रिपोर्ट
कायस्थ समाज के जिला अध्यक्ष डा. आर.डी माथुर के निर्देशानुसार कायस्थ समाज के संरक्ष के नेतृत्व में लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई व उनकी जीवनी पर चर्चा की वही कायस्थ समाज के संरक्ष डा. जी.के श्रीवास्तव ने बताया की लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमन्त्री थे। वह 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 को अपनी मृत्यु तक लगभग अठारह महीने भारत के प्रधानमन्त्री रहे।
इस प्रमुख पद पर उनका कार्यकाल अद्वितीय रहा । वही समाज के अध्यक्ष संजय सहाय भटनागर ने बताया की शास्त्री जी ने काशी विद्यापीठ से शास्त्री की उपाधि प्राप्त की उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिये मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मानित किया गया था । महिला जिलाध्यक्ष प्रीति सक्सेना ने बताया की लालबहादुर शास्त्री का जन्म 1904 में मुगलसराय (उत्तर प्रदेश) में एक कायस्थ परिवार में मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव के यहाँ हुआ था।
उनके पिता प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे अत: सब उन्हें मुंशीजी ही कहते थे। बाद में उन्होंने राजस्व विभाग में लिपिक (क्लर्क) की नौकरी मिली थी। लालबहादुर की माँ का नाम रामदुलारी था। परिवार में सबसे छोटे होने के कारण बालक लालबहादुर को परिवार वाले प्यार से नन्हें कहकर ही बुलाया करते थे। कार्यक्रम मे मौजूद संजय सक्सेना , मंगेश सक्सेना , स्वप्निल भटनागर , मनीष माथुर , विक्की सक्सेना , श्वेता माथुर आदि समाज बंधु ने विचार प्रकट किये ये जानकारी कायस्थ समाज के युवा प्रदेश उपाध्यक्ष अंतरिक्ष माथुर ने दी ।