- झारखंड में दो हिंदू दुकानदारों ने अपनी दुकान पर लगाया था विश्व हिंदू परिषद का पोस्टर.
- जिन पर ट्विटर के जरिए लोगों ने दर्ज कराई f.i.r.,
- एफ आइ आर के बाद तुरंत लिया गया मामले पर संज्ञान।
- स्थानीय प्रशासन ने पोस्टर हटवा की कानूनी कार्रवाई,
- वही बीजेपी झारखंड और विश्व हिंदू परिषद कार्रवाई के खिलाफ आग बबूला,
- देखते ही देखते ट्विटर पर Hinduphobia_in_Jharkhand ट्रेंड किया जाने लगा
झारखंड के जमशेदपुर में दो फल की दुकानों पर विश्व हिंदू परिषद अनुमोदित हिंदू फल की दुकान लिखने को लेकर सोशल मीडिया पर हंगाम मच गया। एक यूजर ने इन फलों की दुकानों की तस्वीरों को ट्विटर पर झारखंड पुलिस को टैग किया।
इसके बाद झारखंड पुलिस के हैंडल से जमशेदपुर पुलिस को इस संबंध में उचित कार्रवाई का निर्देश दिया गया। कुछ ही देर में जमशेदपुर पुलिस की ओर से जवाबी ट्वीट में कहा गया कि मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए संबंधित फल दुकानों से पोस्टर हटवा दिया गया है और कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
बताया जाता है कि थाना प्रभारी रंजीत कुमार कदमा बाजार में फल दुकान में पोस्टरों को हटवाने पहुंचे तो कुछ फल दुकानदार उनसे ही उलझ गए। हंगामा की सूचना मिलने पर विश्व हिंदू परिषद कदमा मंडल के अध्यक्ष दीपल विश्वास अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे। उन्होंने भी पुलिस द्वारा पोस्टर हटाने का विरोध किया। इस दौरान थाना प्रभारी और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के बीच नोकझोंक भी हुई। बाद में थाना प्रभारी वहां से चले गए और पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि संबंधित दुकानदारों के विरुद्ध कदमा थाना द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता 107 के तहत निरोधात्मक कार्रवाई की जा रही है।
मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए संबंधित फल दुकानों से पोस्टर हटवा दिया गया है तथा संबंधित दुकानदारों के विरुद्ध कदमा थाना द्वारा धारा – 107 द0प्र0स0 के तहत निरोधात्मक कार्रवाई की जा रही है।.
मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए संबंधित फल दुकानों से पोस्टर हटवा दिया गया है तथा संबंधित दुकानदारों के विरुद्ध कदमा थाना द्वारा धारा – 107 द0प्र0स0 के तहत निरोधात्मक कार्रवाई की जा रही है।
1,1202:12 pm – 25 अप्रैल 2020Twitter Ads की जानकारी और गोपनीयता7,503 लोग इस बारे में बात कर रहे हैं
इसके बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। कई लोगों को जमशेदपुर पुलिस की कार्रवाई नागवार गुजरी और वे ट्वीट के जरिए उन दुकानों पर भी कार्रवाई की मांग करते दिखे जिनके बोर्ड पर अन्य धर्मों के नाम अथवा प्रतीक थे। रात में #Hinduphobia_in_Jharkhand ट्विटर पर इंडिया ट्रेंड में दूसरे नंबर पर ट्रेंड करने लगा। कई यूजर्स ने इस बात पर सवाल उठाए कि हिंदू फल की दुकान लिखने में गलत क्या है और पुलिस ने किस कानून के तहत कार्रवाई की है। इन लोगों का सवाल था कि कि क्या यही कदम ‘हलाल’ अथवा ‘मुस्लिम होटल’ लिखे हुए होटल, रेस्तरां और दुकानों के खिलाफ उठाया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि फल विक्रेताओं के साथ किया गया पुलिस का व्यवहार निंदनीय है। उन्होंने कहा कि आजीविका चला रहे छोटे-छोटे व्यापारियों को तुष्टीकरण की राजनीति के चलते तंग करना बंद करे राज्य सरकार। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापारियों पर किया गया केस तत्काल वापस नहीं लिया गया तो इस अन्याय के खिलाफ भाजपा आंदोलन करेगी। जमशेदपुर पुलिस की कार्रवाई पर मुंबई बीजेपी के प्रवक्ता सुरेश नाखुआ ने ट्वीट कर पूछा कि पुलिस ने किस कानून के तहत इन पोस्टरों को हटवाया है। हालांकि उनके इस ट्वीट पर जमशेदपुर पुलिस ने कोई जवाब नहीं दिया है।
फल विक्रेताओं के साथ किया गया पुलिस का व्यवहार निंदनीय है। तुष्टिकरण की राजनीति के कारण आजीविका चला रहे छोटे छोटे व्यापारियों को तंग करना बंद करे राज्य सरकार। व्यापारियों पर किया गया केस भी तत्काल वापस ले, नहीं हो इसके खिलाफ @BJP4Jharkhand आंदोलन करेगी।#Hinduphopia_In_Jharkhand7,0668:35 pm – 25 अप्रैल 2020Twitter Ads की जानकारी और गोपनीयता3,685 लोग इस बारे में बात कर रहे हैं
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। इन वीडियो में एक खास समुदाय के बारे में कथित तौर पर कहा जा रहा है कि वे फल और सब्जियों को दूषित करके बेच रहे हैं ताकि कोरोना वायरस फैले। वीडियो में यह भी दावा किया जाता है कि इस कारण लोग उनसे सामान लेने से इनकार कर दे रहे हैं। एक तरफ सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं तो दूसरी तरफ जमशेदपुर में यह मामला सामने आया है।