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इमाम बाड़ों को सरकारी संपत्ति बताना गलत – अबू तालिब

सहारनपुर – नगर कि प्रमुख वक्फ कर्बला के प्रबंधक अबू तालिब जैदी ने राज्य सरकार द्वारा लखनऊ के बड़े व छोटे इमाम बाड़े को सरकारी सम्पत्ति बताने वाले बयान कि कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए कहा है कि यह राज्य सरकार का यह बयान न केवल धार्मिक आस्थाओं और ऐतिहासिक धरोहरों का अपमान है, बल्कि इससे समाज के धार्मिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों पर भी गहरा आघात पहुंचा है। बड़ा और छोटा इमामबाड़ा केवल ऐतिहासिक इमारतें नही हैं, बल्कि इनका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है।

ये इमारतें वर्षों से शिया समुदाय की आस्था का केंद्र रही है यहाँ से कई सो सालो से मुहर्रम के जुलुस निकलते आए है जिसका इतेहास किसी से छुपा हुआ नही है और इन्हें किसी भी प्रकार से सरकारी संपत्ति घोषित करना संविधान में प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है। हम राज्य सरकार से अपील करते हैं कि वह इस बयान को तुरंत वापस ले और धार्मिक व सांस्कृतिक धरोहरों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। यदी सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करती है तो हम काननी और लोकतांत्रिक तरीकों से विरोध दर्ज कराने के लिए बाध्य होंगे

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