- दुनिया भर में नस्लवाद को लेकर चल रही बहस पर इरफान पठान ने भी तोड़ी चुप्पी
- इरफान ने सोमवार को भी घरेलू क्रिकेट में नस्लवाद होने की बात स्वीकार की थी।
- उन्होंने सैमी के आरोप पर कहा था,
- ‘मुझे नहीं पता कि उनके साथ साथ नस्लवाद कब हुआ,
- लेकिन घरेलू क्रिकेट में ऐसा होता है।
नई दिल्ली. पिछले कुछ दिनों से नस्लवाद का मुद्दा सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. हाल ही में सनराइजर्स हैदराबाद के पूर्व ऑलराउंडर डैरेन सैमी ने भी आईपीएल के दौरान नस्लवाद की बात का खुलासा किया था. अब टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान (Irfan Pathan) ने नस्लवाद पर ऐसा ट्वीट कर दिया है जो कि सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है.
पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज इरफान पठान ने नस्लवाद को लेकर दुनिया भर में चल रही बहस पर मंगलवार को कहा कि यह सिर्फ चमड़ी के रंग तक सीमित नहीं है और धर्म के कारण भी लोगों को नस्ली उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।
मिनियापोलीस में अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड को मार दिए जाने के बाद देश भर में पड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए और इसने दुनिया भर में नस्लवाद को लेकर बहस को हवा दी।
पठान ने ट्विटर पर लिखा कि नस्लवाद सिर्फ चमड़ी के रंग तक सीमित नहीं है। किसी और धर्म का होने के कारण सोसाइटी में घर खरीदने की स्वीकृति नहीं दिया जाना भी नस्लवाद है। पठान से जब यह पूछा गया कि क्या यह उनका निजी अनुभव है या उन्होंने ऐसा महसूस किया है तो उन्होंने भाषा से कहा कि ऐसा मुझे लगता है और मुझे लगता है कि इससे कोई इंकार नहीं कर सकता ।
इस साल की शुरुआत में खेल के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने वाले पठान ने भारत की ओर से 29 टेस्ट, 120 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और 24 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। फ्लॉयड की मौत के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों ने भी आगे आकर खेल में नस्लवाद के मामले में अपना पक्ष रखा है।
इन क्रिकेटरों में वेस्टइंडीज के क्रिस गेल और डेरैन सैमी भी शामिल हैं। सैमी ने आरोप लगाया है कि 2014 आईपीएल के दौरान सनराइजर्स हैदराबाद की उनकी टीम के कुछ साथियों ने उन पर नस्लीय टिप्पणी की थी।