इजरायल इन दिनों टू वॉर फ्रंट पर जंग लड़ रहा है, एक ओर हमास है तो दूसरी ओर लेबनान का आतंकी संगठन हिज्बुल्लाह. उधर ईरान भी इजरायल की ओर आंखें तरेर रहा है. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने कहा कि नेतन्याहू की सरकार असहाय फ़िलिस्तीनी लोगों, बच्चों और महिलाओं से बदला ले रही है, क्योंकि वह मुस्लिम लड़ाकों का मुकाबला करने में असमर्थ है और भविष्य में भी वह मुस्लिम लड़ाकों से टक्कर नहीं ले सकेगी. खामेनेई ने कहा कि गाजा के बच्चों के खून से अमेरिका के हाथ सने हुए हैं.
वहीं, तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन ने कहा कि हमास एक आतंकवादी संगठन नहीं, बल्कि एक मुक्ति समूह है जो अपनी ज़मीन की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ रहा है. एर्दोगन ने कहा कि हमास देशभक्त संगठन है. जो अपने क्षेत्रों और लोगों की रक्षा करता है. देश की संसद में अपनी पार्टी के सांसदों को संबोधित करते एर्दोगन ने कहा कि वे योद्धा (मुजाहिद) हैं, हम इज़राइल के ऋणी नहीं हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं इज़राइल नहीं जाऊंगा.
‘अपनी जमीन और लोगों के लिए लड़ रहा हमास’
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने इजरायली और फिलिस्तीनी बलों के बीच तत्काल युद्धविराम का भी आह्वान किया और कहा कि मुस्लिम देशों को क्षेत्र में स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमास एक आतंकवादी संगठन नहीं है, यह एक मुक्ति समूह, मुजाहिदीन है जो अपनी भूमि और लोगों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ रहा है.