ओडिशा में एक आईपीएस अधिकारी के कथित बयान ने बवाल खड़ा कर दिया है। बताया जा रहा है कि भुवनेश्वर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त नरसिंह भोल ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों से कहा, “उनकी टांगें तोड़ दो और मुझसे इनाम ले लो।” इस कथित टिप्पणी को लेकर कांग्रेस ने कड़ा ऐतराज़ जताया है।ओडिशा कांग्रेस अध्यक्ष भक्त चरण दास ने इसे शर्मनाक करार देते हुए कहा, “ये बयान सिर्फ प्रदर्शनकारियों पर नहीं, बल्कि लोकतंत्र पर हमला है। बीजेपी एक तरफ तो आपातकाल की आलोचना करती है, और दूसरी ओर ऐसे अमानवीय आदेश दिए जा रहे हैं। क्या यही लोकतंत्र है?”वहीं, युवा कांग्रेस नेता याशिर नवाज ने बताया कि वे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, और पुरी भगदड़ के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा, “हम मुख्यमंत्री और कानून मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे थे, लेकिन हमें धमकी मिल रही थी। ये रवैया न सिर्फ अलोकतांत्रिक है, बल्कि डराने-धमकाने वाला भी है।”पूरा मामला अब तूल पकड़ चुका है, और विपक्ष इसे लोकतांत्रिक अधिकारों के दमन के रूप में देख रहा है।
उग्रवाद पर करारा प्रहार
मणिपुर में सुरक्षा बलों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर जबरन वसूली जैसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल थे। गिरफ्तारियां इंफाल पूर्व और थौबल जिलों में अलग-अलग जगहों पर हुईं।पहली गिरफ्तारी सोमवार को इंफाल पूर्व जिले के खुरई कोंगपाल इलाके से हुई, जहां प्रतिबंधित संगठन यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (पी) से जुड़े एक सक्रिय सदस्य को पकड़ा गया। इससे पहले रविवार को थौबल जिले के लेइरोंगथेल पित्रा क्षेत्र से कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीडब्ल्यूजी) के एक कैडर को दबोचा गया। तीसरी गिरफ्तारी सोमवार को ही थौबल के चरंगपत ममांग लेईकाई इलाके से हुई, जहां से प्रेपक (प्रो) संगठन से जुड़े एक उग्रवादी को हिरासत में लिया गया।तीनों पर आरोप है कि ये लोग स्थानीय लोगों और संस्थानों से जबरन पैसे वसूलने जैसी गतिविधियों में शामिल थे। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इन गिरफ्तारियों से उग्रवादी नेटवर्क को झटका लगा है।