25 जिलों में नौकरी करने वाली अनामिका शुक्ल केस में नया खुलासा। मीडिया की सुर्खियां में आए फर्जी टीचर अनामिका मामले में हर रोज खुश न खुश सामने आ ही रहा है। आपको बता दे अनामिका शुक्ला नाम से खुले बैंक अकाउंट की के जांच होने से कई अन्य राज खुलकर सामने आये है हलाकि यह बात पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से पता चली है।
सैलरी खाते को जरिया बनाकर पुलिस गारंटरों का पता लगाने में जुटी है।जिसमे बीएसए के मुताबिक एक गारंटर विभागीय अकाउंटेंट है।और साथ ही साथ बैंक में केवाईसी से दूसरे गारंटर का भी पता चलेगा।पुलिस संबंधित अभिलेखों की जांच के लिए इलाहाबाद बैंक में भी जांच करेगी।
आधार कार्ड व मार्कशीट से तोह पता ही चल गया है की इस फेक टीचर का नाम न तो प्रिया है न ही अनामिका बल्कि इसका असली नाम तो सुप्रिया है
आपको बता दे की जिले के कस्तूरबागांधी आवासीय बालिका विद्यालय फरीदपुर में शिक्षिका अनामिका शुक्ला उर्फ प्रिया उर्फ सुप्रिया के फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी किए जाने का मामले सामने आने के बाद विभाग में खलबली मची हुई है। प्रदेश के कई जिलों से मामला जुड़ा होने के कारण शासन की भी इस पर नजर है। और इसी के चलते अब कस्तूरबा विद्यालयों में तैनात सभी स्टाफ की जाचं करवाने के निर्देश भी दिए गए हैं।हलाकि इस महिला पर 1 करोड़ कमाने का आरोप है, मैनपुरी की अनामिका शुक्ला की पोस्टिंग प्रयागराज, अंबेडकरनगर, अलीगढ़, सहारनपुर, बागपत सहित अन्य जिलों के KGBV स्कूलों में पाई गई है। इन स्कूलों में टीचर्स की नियुक्ति कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर होती है और हर महीने 30 हजार रुपये की तनख्वाह रहती है। 13 महीनों के दौरान टीचर पर कथित तौर पर एक करोड़ रुपये कमाने का आरोप लगा है। टीचर्स का डेटाबेस तैयार करते वक्त यह गड़बड़झाला सामने आया है।