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भारत की GDP ग्रोथ 5.4%, दो साल का न्यूनतम स्तर

इस साल की दूसरी तिमाही के दौरान भारत के सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी में ग्रोथ रेट फिसल गया है। पिछले साल इसी तिमाही में यह 8.1 फीसदी था जो कि इस साल घट कर 5.4 फीसदी रह गया है। अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि यह कंजप्शन में कमी तथा कुछ अन्य कारकों की वजह से है।

जीडीपी (GDP) यानी ग्रॉस डेमेस्टिक प्रॉडक्ट (Gross Domestic Product)। इसका ग्रोथ रेट (GDP Growth Rate) मतलब किसी भी देश का आर्थिक विकास दर। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए भारत के जीडीपी के आंकड़े (GDP Data) आ गए हैं। इस दौरान देश की आर्थिक वृद्धि दर घटकर 5.4% रह गई है जो इसका दो साल का निचला स्तर है। यह पिछले वर्ष की समान अवधि के 8.1% और इस साल अप्रैल-जून तिमाही के 6.7% थी। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि कंजप्शन या उपभोग में कमी और कुछ प्रमुख क्षेत्रों पर प्रतिकूल मौसम का प्रभाव जीडीपी के आंकड़ों पर दिखा है। पहले ही अर्थशास्त्रियों ने ऐसी भविष्यवाणी की थी। जीडीपी ग्रोथ का पिछला निम्न स्तर 4.3 प्रतिशत था जो वित्त वर्ष 2022-23 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में दर्ज किया गया था। हालांकि भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहा। इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में चीन की जीडीपी वृद्धि दर 4.6% थी।

दूसरी तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग की ग्रोथ 2.2% रही है जबकि माइनिंग एंड क्वेरिंग सेक्टर में -0.1% गिरावट आई है। अप्रैल-सितंबर छमाही के दौरान रियल ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) का ग्रोथ रेट 6.2% रहा। दूसरी तिमाही में रियल जीवीए 5.6% रहा जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 7.7% रहा था।हालांकि एग्रीकल्चर सेक्टर में दूसरी तिमाही में 3.5% ग्रोथ देखने को मिली जबकि पिछले चार तिमाहियों में इसका प्रदर्शन अछी नहीं रहा था। इसी तरह कंस्ट्रक्शन सेक्टर में स्टील खपत में लगातार तेजी से 7.7% की तेजी आई। इस दौरान सर्विसेज सेक्टर में 7.1% की मजबूत ग्रोथ देखने को मिली जबकि ट्रेड, होटल्स और ट्रांसपोर्ट सेगमेंट की ग्रोथ 6.0% रही।

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