रूस से S-400 की खरीद को लेकर भारत पर भी लगेंगे प्रतिबंध? जानिए क्या बोले अमेरिकी सांसद..

रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद को लेकर ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि अमेरिका अपने कानून CAATSA के तहत भारत पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है. इसे लेकर अमेरिका के रिपब्लिकन सांसद टेड क्रूज ने कहा है कि अगर जो बाइडन सरकार ये फैसला लेती है तो ये असाधारण मूर्खता भरा फैसला होगा

रूस के यूक्रेन पर हमले को लेकर भारत के स्वतंत्र और निष्पक्ष रुख को देखते हुए अमेरिका भारत पर अपने कानून CAATSA (Countering America’s Adversaries through Sanctions Act) के तहत कड़े प्रतिबंध लगा सकता है. भारत ने रूस के S-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद की है जिसे लेकर ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई हैं कि अमेरिका भारत पर प्रतिबंध लगाने को लेकर विचार कर रहा है. इन रिपोर्ट्स पर अमेरिका के एक शीर्ष रिपब्लिकन सांसद ने जो बाइडन प्रशासन को आगाह किया है कि भारत पर किसी तरह का प्रतिबंध लगाना असाधारण मूर्खता होगी.

समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सांसद टेड क्रूज ने कहा है कि भारत अमेरिका का एक महत्वपूर्ण सहयोगी है और रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद के लिए उस पर CAATSA के तहत प्रतिबंध लगाना असाधारण मूर्खता होगी. 

अमेरिका अपने कानून, काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (CAATSA) के तहत ईरान, उत्तर कोरिया या रूस के साथ महत्वपूर्ण रक्षा खरीद करने वाले किसी भी देश पर कड़े प्रतिबंध लगाता है. साल 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे और साल 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में रूस के कथित हस्तक्षेप को लेकर अमेरिका रूस के खिलाफ अपने कानून का इस्तेमाल करता है. जो भी देश रूस से महत्वपूर्ण रक्षा खरीद करते हैं, उन पर अमेरिका अपने कानून के तहत प्रतिबंध लगाता है.

भारत पर CAATSA लगाने को लेकर क्या बोले अमेरिकी सांसद?

सांसद टेड क्रूज ने सांसदों की फॉरेन रिलेशंस कमेटी की एक सुनवाई के दौरान कहा, ‘ऐसी खबरें हैं कि बाइडन प्रशासन विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के खिलाफ CAATSA के तहत प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है, मुझे लगता है कि ये असाधारण मूर्खता वाला फैसला होगा.’   अमेरिका के टेक्सास से सांसद क्रूज ने कहा कि बाइडन प्रशासन के तहत पिछले कुछ समय में अमेरिका और भारत के रिश्तों में दूरी आई है.

उन्होंने कहा, ‘भारत कई क्षेत्रों में अमेरिका का एक महत्वपूर्ण सहयोगी है और हाल के वर्षों में अमेरिका-भारत गठबंधन व्यापक और गहरा हुआ है. लेकिन बाइडन प्रशासन के तहत दोनों देशों के रिश्ते कमजोर हुए हैं.’

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